दुष्कर्म के दोषी मौसा को न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
पॉक्सो एक्ट के एक मामले में विशेष सत्र न्यायधीश डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने दुष्कर्म के दोषी मौसा को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 22 Nov 2018 02:56 PM (IST)
अल्मोड़ा, जेएनएन। पॉक्सो एक्ट के एक मामले में विशेष सत्र न्यायधीश डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने दुष्कर्म के दोषी मौसा को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियुक्त को सजा के साथ ही पंद्रह हजार रुपये का अर्थदंड भी जमा करना होगा। इसके अलावा विशेष सत्र न्यायाधीश ने सरकार को नालसा स्कीम के तहत पीड़िता को सात लाख रुपये देने के निर्देश भी दिए हैं।
अभियोजन के अनुसार पीड़िता के माता पिता की बचपन में ही मौत हो गई थी। वह मौसा रमेश राम के साथ एक गांव में रहती थी। पीड़िता का मौसा लंबे समय से उसके साथ दुष्कर्म करता था। मौसा की हरकतों से तंग आकर पीड़िता ने इस बात की जानकारी 18 जुलाई 2018 को अपनी चाची और भाई को दी। इसके बाद पीड़िता के भाई ने इस मामले की प्राथमिकी दन्या थाने में दर्ज कराई।
विवेचना के बाद इस मामले में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। इस मामले में अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गिरीश चंद्र फुलारा, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शेखर चंद्र नैलवाल, विशेष लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी ने न्यायालय में दस गवाह परीक्षित कराए।
लिखित और मौखिक साक्ष्यों पर विचारण के बाद विशेष सत्र न्यायधीश डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने अभियुक्त को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास और पंद्रह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। न्यायालय के जेलर को निर्देश दिए हैं अभियुक्त को कारावास के दौरान ऐसे लाभ न दिए जाएं जो अन्य कैदियों को उनके अच्छे व्यवहार के लिए दिया जाता है।
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