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उत्‍तराखंड में खुदाई के दौरान मिला रहस्‍यमयी शिवलिंग, पहले यहां निकले थे नागराज अब भोलेनाथ; हर कोई हैरान

Mysterious Shivling उत्तराखंड में खुदाई के दौरान एक रहस्यमयी शिवलिंग मिला है। यह घटना जागेश्वर धाम के पास कोटेश्वर गांव में हुई। यहां दीवार निर्माण के दौरान जमीन से अचानक नाग निकल आया और फिर खुदाई करने पर शिवलिंग प्रकट हुआ। पुरातत्वविद अब इसके प्राचीन इतिहास की जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं। इससे पहले खुदाई शुरु करते हुए एक नाग यहां से बाहर निकला था।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 10 Nov 2024 08:58 PM (IST)
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Mysterious Shivling: विशालकाय शिवलिंग उभरकर सामने आ गया। Jagran
चंद्रशेखर द्विवेदी, अल्मोड़ा। Mysterious Shivling: देवभूमि उत्तराखंड के कई रहस्य आज भी अनसुलझे हुए हैं। इसलिए यहां आज भी चमत्कार होते रहते हैं। ऐसा ही देखने को मिला जागेश्वर धाम के निकट कोटेश्वर गांव में। जहां हरुजाग के पास दीवार निर्माण की खुदाई के समय जमीन से अचानक नाग निकल आया।

जब वहां से मिट्टी को हटाया गया तो वहां शिवलिंग प्रकट हुआ। अब पुरातत्वविद इसके प्राचीन इतिहास की जानकारी जुटाने में लग गया है।

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विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम से कुछ ही दूरी पर कोटेश्वर गांव में हरुजाग के पास खेत की दीवार निर्माण का काम चल रहा था। खुदाई शुरु करते हुए एक नाग यहां से बाहर निकल गया। नाग को देख वहां से लोग भाग खड़े हुए और दीवार का कार्य रोक दिया गया।

एक और शिवलिंग व एक मंदिर देख युवा चौंके

रविवार को स्थानीय जागरुक युवा शेखर भट्ट के नेतृत्व में गिरीश, अशोक, नाथू, किरन आदि ने मौके पर मिट्टी का टीला हटाने का काम शुरू किया। खुदाई होते ही भीतर से पहले एक विशालकाय शिवलिंग उभरकर सामने आ गया।

खुदाई आगे बढ़ी तो जमीन के भीतर एक और शिवलिंग व एक मंदिर देख युवा चौंक पड़े। लोगों ने मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दी थी। इस रहस्यमय घटना को लोग भगवान का चमत्कार मान रहे हैं। पुरातत्वविदों के मुताबिक शिवलिंग हजारों वर्ष पुराना हो सकता है।

कोटलिंग नामक रहस्यमयी स्थान आज भी मौजूद

कोटेश्वर गांव का जागेश्वर धाम के मंदिरों से सीधा संबंध बताया जाता है। डेढ़ हजार साल पहले जागेश्वर के मंदिरों के निर्माण के लिए कोटेश्वर से ही पत्थरों लाए गए थे। कोटेश्वर में नदी किनारे कोटलिंग नामक एक रहस्यमय स्थान आज भी मौजूद है। यहां खुदाई करते ही जमीन से प्राचीन शिवलिंग निकलते हैं।

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मंदिर समिति के उपाध्यक्ष नवीन भट्ट ने बताया कि कोटलिंग का रहस्य आज तक पुरातत्वविद अभी तक नहीं सुलझा पाए हैं। उत्खनन कार्य होने के बाद इस स्थान पर एक बड़े रहस्य का खुलासा होने की संभावना लोग जताते आए हैं।

कोटेश्वर काफी प्राचीन स्थल हैं। यहां जमीन के भीतर और भी कई पुरातात्विक धरोहरें दबी हो सकती हैं। जल्द ही वह विभागीय टीम के साथ कोटेश्वर पहुंचकर जमीन के भीतर से निकले शिव मंदिर और शिवलिंग का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। उसके बाद इस मामले में आगे की कार्यवाही की जाएगी। - डा. चंद्र सिंह चौहान, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी, अल्मोड़ा

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