अल्मोड़ा के 123 स्कूलों में नहीं है बच्चों के लिए पीने का पानी, शौचालय हैं बदहाल; दावों का ये है बुरा हाल
Almora Newsअल्मोड़ा में बच्चों का भविष्य खतरे में हैं। यहां भविष्य को बेहतर बनाने के लिए स्कूल तो हैं लेकिन सुविधाएं नहीं है। टीचर तो हैं लेकिन पीने का पानी नहीं है। अल्मोड़ा में 23 विद्यालय ऐसे हैं जहां अब तक पेयजल संयोजन ही नहीं है। बच्चों को पीने का पानी भी ढोना पड़ रहा है। पानी की कमी के चलते शौचालयों का हाल भी बेहाल है।
डीके जोशी, अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बच्चों को अपने बेसिक अधिकार लेने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। जनपद में 123 विद्यालय ऐसे हैं, जहां अब तक पेयजल संयोजन ही नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों को बस्ते के बोझ के साथ ही पेयजल का बोझ भी ढोने को विवश होना पड़ रहा है। इन स्कूलों के शिक्षक-अभिभावक संघ, विद्यालय प्रबंधन समिति व विद्यालय प्रबंध विकास समिति अरसे से इन विद्यालयों में पेयजल संयोजन की मांग उठा रहे हैं। इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
राज्य गठन के 22 सालों बाद भी विद्यालयों में आवश्यक संसाधनों का विकास नहीं हो पाया हैं। कहीं विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं तो 123 विद्यालयों में पेयजल संयोजन ही नहीं है। ऐसे में छात्र-छात्राओं के साथ ही विद्यालय स्टाफ की समस्या बढ़ रही है।
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स्कूलों की स्थिति है बदहाल
पेयजल संयोजन नहीं होने से यहां बने शौचालयों की स्थिति भी बदहाल होती जा रही है। विकासखंड सल्ट में तो स्थिति सबसे अधिक खराब है। यहां 31 स्कूल पेयजल संयोजन विहीन हैं। जिले में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों की कुल संख्या 1701 है।
किस विकासखंड में कितने स्कूल पेयजल विहीन
- विकास खंड - स्कूल
- भैसियाछाना - 1
- भिकियासैंण - 4
- चौखुटिया - 4
- धौलादेवी - 16
- द्वाराहाट - 11
- लमगड़ा - 10
- सल्ट - 31
- स्याल्दे - 07
- ताड़ीखेत- 23
- हवालबाग - 16
की जाएगी कार्रवाई
जिले के जिन विद्यालयों में पेयजल संयोजन नहीं हैं। उनमें पेयजल संयोजन के लिए प्रस्ताव शासन व शिक्षा निदेशालय को भेजा गया है। प्रस्ताव के पारित हो जाने के बाद पेयजल संयोजन के लिए कार्रवाई की जाएगी। - अंबा दत्त बलोदी, मुख्य शिक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा