Almora School: टपकती छत के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं स्कूली बच्चे, 212 स्कूलों का हाल बेहाल
Almora School अल्मोड़ा में छात्रों का भविष्य अधर में लटका है। जिले के प्राथमिक से लेकर इंटर तक के 212 स्कूल खस्ताहाल हैं। अरसे से इन विद्यालयों की सुध नहीं लिए जाने से इन विद्यालयों में पढ़ने वाले हजारों छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सालों से इन विद्यालयों के सुधारीकरण की मांग उठ रही है। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 05 Jul 2023 03:25 PM (IST)
अल्मोड़ा, संवाद सहयोगी। उत्तराखंड में मानसूनी बारिश के साथ ही सभी दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। सरकार ने बरसात के मौसम से पहले खस्ताहाल व जीर्ण-क्षीर्ण स्कूलों को ठीक करने का दावा किया था। लेकिन अब तक सरकारी स्कूलों के हालात नहीं सुधरे। हाल यह है कि जिले में 212 स्कूल खस्ताहाल हैं।
विभाग ने सुधारीकरण के लिए करीब एक वर्ष पहले 32.26 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा, लेकिन धन राशि नहीं मिलने से कार्य ठप हैं। जिससे बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। बच्चे इन जर्जर सरकारी आवास में पढ़ने को मजबूर हैं।
छात्रों को होती है परेशानी
सरकार का शिक्षा व्यवस्था की ओर ध्यान रहा ही नहीं। जिले के प्राथमिक से लेकर इंटर तक के 212 स्कूल खस्ताहाल हैं। अरसे से इन विद्यालयों की सुध नहीं लिए जाने से इन विद्यालयों में पढ़ने वाले हजारों छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सालों से इन विद्यालयों के सुधारीकरण की मांग उठ रही है। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी है। बच्चे वैसे ही कठिन परिश्रम से स्कूल पहुंच पाते हैं और अब इन खस्ताहाल स्कूलों में पढ़ने को वो मजबूर हैं।कहीं छत क्षतिग्रस्त तो कहीं दीवारें खस्ताहाल
कहीं विद्यालयों में छत क्षतिग्रस्त हैं, तो कही स्कूल के कक्षों की दीवारें खस्ताहाल स्थिति में जा पहुंचीं हैं। ऐसे में खासतौर पर मानसून काल में छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ जाती हैं। जिले में प्राथमिक, जूनियर, हाईस्कूल व इंटर स्कूलों की कुल संख्या 1701 है। वर्तमान स्थिति में 212 स्कूल जीर्ण-शीर्ण स्थिति में जा पहुंचे हैं। वर्षा होने पर अल्मोड़ा स्थित प्राइमरी स्कूल बागपाली की छत टपकने लगती है ।