इस गायिका के सुरों के कायल हुए लोग, जमकर थिरके
कोसी के तट पर पौराणिक कर्कटेश्वर महादेव मंदिर के मैदान में आयोजित कत्यूर कालीन सोमनाथ मेले का समापन हो गया है। मेले के समापन पर यहां देवभूमि की संस्कृति सजीव हो उठी।
रानीखेत, [जेएनएन]: 'सोमनाथ कौतिक लागि रो कोसि किनार काकड़ीघाट मां...'सुप्रसिद्ध कुमाऊंनी लोक गायिका माया उपाध्याय के इस दिलकश गीत की प्रस्तुति और अन्या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये कोसी घाटी में ऐतिहासिक सोमनाथ मेला यादगार छाप छोड़ गया। इस दौरान कलाकारों ने उत्तराखंडी लोक संस्कृति-परंपरा को बचाए रखने का संदेश दिया।
कोसी के तट पर पौराणिक कर्कटेश्वर महादेव मंदिर के मैदान में कत्यूर कालीन सोमनाथ मेले में देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत सजीव हो उठी। कार्यक्रम के समापन अवसर पर सुप्रसिद्ध लोक गायिका माया उपाध्याय ने एक के बाद कर कर्इ कुमाऊंनी गीतों की प्रस्तुति दी। इस दौरान मैदान में उमड़ा महिलाओं का हुजूम खुद को थिरकने से नहीं रोक सका।
इसी कड़ी में लोक गायक नवीन पाठक ने 'हिट दगड़ी कमला अल्म्वाड में मेरो बंगला' गीत से समा बांधा। मुख्य अतिथि राज्य मंत्री रेखा आर्य ने उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा को संजोए रखने का आह्वान करते हुए खासतौर पर युवा पीढ़ी से आगे आने को कहा।
ये रहे मौजूद
बीडीसी गडस्यारी लीला कनवाल, संस्कृति कर्मी विमला रावत, बुजुर्ग रंगकर्मी जानकी नौटियाल, देवकीनंदन कांडपाल, हरीश वर्मा नौगवाल, हीरा सिंह जाला, गुलाब सिंह, नारायण सिंह, धर्म सिंह, डूंगर सिंह, शेर सिंह, नरेंद्र मोहन चौहान, विशन कंडवाल, सुंदर कनवाल, तारा सिंह परिहार, दीपक सिंह, गोपाल राम आदि।
वहीं मेले में राजकीय इंटर कॉलेज व जूनियर हाईस्कूल नौगांव, एनएमएस पब्लिक स्कूल काकड़ीघाट, जूनियर हाईस्कूल जनता के विद्यालयों की सांस्कृतिक टीम में टीम को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए चुना गया।
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