Almora: उत्तराखंड में 7 हजार फीट ऊंचाई वाले पहाड़ पर दिखा बाघ, अधिकारी भी हैरान; पहली बार इस साल आया था नजर
Almora बुधवार रात बिनसर में डीएफओ के वाहन के आगे से निकला बाघ वही है जो रविवार को जागेश्वर के शौकियाथल में ग्रामीणों को दिखा था। बिनसर समुद्रतल से सात हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। आज से पहले इस क्षेत्र में बाघ नहीं दिखे हैं। ऐसे में वन विभाग का दावा है कि यह बाघ रामनगर के कार्बेट नेशनल पार्क से यहां तक पहुंचा है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 16 Dec 2023 11:35 AM (IST)
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। जागेश्वर और बिनसर में दिखाई दिए बाघ के बाद अब सोमेश्वर व रानीखेत से सल्ट क्षेत्र तक बाघ का भय है। वन विभाग के अनुसार बुधवार रात बिनसर में डीएफओ के वाहन के आगे से निकला बाघ वही है जो रविवार को जागेश्वर के शौकियाथल में ग्रामीणों को दिखा था।
बिनसर समुद्रतल से सात हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। आज से पहले इस क्षेत्र में बाघ नहीं दिखे हैं। ऐसे में वन विभाग का दावा है कि यह बाघ रामनगर के कार्बेट नेशनल पार्क से यहां तक पहुंचा है। अब वह वापस कार्बेट की ओर रुख कर रहा है। इससे रानीखेत वन क्षेत्र में भी इसकी धमक दिखेगी।
भोजन की तलाश में भटक रहे बाघ
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूटी आफ इंडिया के विज्ञानियों के अनुसार भोजन और आवास की तलाश में बाघ मैदान से ऊंचे पहाड़ों की तरफ जा रहे हैं। एक बाघ को रहने के लिए 20 किलोमीटर तक का क्षेत्रफल चाहिए। लेकिन नेशनल पार्क और इससे सटे जंगलों में एक बाघ को पांच किलोमीटर का इलाका भी नहीं मिल पा रहा है। जगह की कमी से बाघों में आपसी संघर्ष, मानव-वन्यजीव संघर्ष भी बढ़ रहा है। इसलिए बाघ पहाड़ की ओर रुख कर रहे हैं।2019 में पहली बार दिखा था बाघ
- अमूमन एक हजार फीट से निचले इलाकों में पाए जाते हैं बाघ।
- ब्रिटिश शासनकाल के अंतिम दिनों तक पहाड़ों में मिलती है बाघ की मौजूदगी।
- केदारनाथ अभ्यारण्य में पहली बार 2019 में एक बाघ कैमरे में हुआ था कैद।
- 2016 में पिथौरागढ़ के अस्कोट में भी बाघ कैमरे में कैद हुआ।
- कार्बेट पार्क और नंधौर सेंक्चुरी के बाघ पहाड़ का कर रहे हैं रुख।