Uttarakhand Forest Fire आग बुझाने के दौरान झुलसे चौथे श्रमिक की भी मौत हो गई है। गुरुवार देर शाम स्यूनराकोट ग्राम पंचायत के जंगल में अचानक आग धधक गई। आग तेजी से चारों ओर फैलने लगी। इस बीच चार नेपाली श्रमिक आग बुझाने में जुटे और चारों झुलस गए। शनिवार देर शाम गमगीन माहौल में स्थानीय घाट में चारों मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
संस, जागरणl अल्मोड़ा : Uttarakhand Forest Fire: हवालबाग ब्लाक के स्यूनराकोट ग्राम पंचायत में आग बुझाने के दौरान झुलसे चौथे श्रमिक की भी मौत हो गई है। शनिवार सुबह उपचार के दौरान पूजा ने दम तोड़ दिया।
आग में झुलसे दंपती की मौत के बाद मासूमों के सर से मां-बाप का साया उठ गया है। वहीं पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है।
शनिवार देर शाम गमगीन माहौल में स्थानीय घाट में चारों मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
एम्स दिल्ली में उपचार के दौरान दम तोड़ा
गुरुवार देर शाम स्यूनराकोट ग्राम पंचायत के
जंगल में अचानक आग धधक गई। आग तेजी से चारों ओर फैलने लगी। इस बीच चार नेपाली श्रमिक आग बुझाने में जुटे। आग की तेज लपटों के बीच घिरे चारों श्रमिक बुरी तरह झुलस गए। एक श्रमिक दीपक पुजारा की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि आग से बुरी तरह झुलसे तीन अन्य श्रमिकों को ग्रामीणों ने बेस अस्पताल पहुंचाया। जहां उपचार के दौरान देर गुरुवार रात ही ज्ञान बहादुर ने भी दम तोड़ दिया। जबकि तारा और पूजा को प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया था।
सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी पहुंचने तक तारा ने भी दम तोड़ दिया। वहीं शनिवार को हादसे में बुरी तरह झुलसी एकमात्र बची महिला श्रमिक पूजा ने भी एम्स दिल्ली में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। डीएफओ दीपक सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही हैं। ग्रामीण रमेश भाकुनी ने बताया कि चारों मृतकों के स्वजन गांव पहुंच गए हैं। मृतकों का स्थानीय घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जंगल की आग ने दो परिवारों की खुशियां छीनी
होनी को कोई नहीं टाल सकता है। ऐसा ही हादसा नेपाल से बच्चों के बेहतर भविष्य की आस में अल्मोड़ा के स्यूनराकोट पहुंचे दो नेपाली दंपती के साथ हुआ।
जंगल की आग बुझाने के दौरान नेपाली दंपती आग में झुलस गए। जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
इधर, घटना से अंजान बच्चे अपने मां-बाप के लौटने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ माह पूर्व ही नेपाली दंपती अपने नन्हे बच्चों को लेकर स्यूनराकोट पहुंचे। यहां बेह गांव में कमरा लिया, जिसमें एक दंपती ने अपने दो बच्चों सरजू और संधू का प्राइमरी पाठशाला में प्रवेश कराया। जिससे की बच्चों का भविष्य बेहतर हो सके। लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था, स्यूनराकोट के जंगल में लगी आग बुझाने में नेपाली दंपती दीपक और तारा झुलस गए।
दीपक ने जहां मौके पर दम तोड़ दिया था। वहीं ज्ञान ने गुरुवार देर रात बेस अस्पताल और तारा ने शुक्रवार को हल्द्वानी जबकि पूजा ने उपचार के दौरान शनिवार को एम्स में दम तोड़ दिया। नेपाली दंपती की मौत से क्षेत्र में भी शोक की लहर हैं।
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