Uttarakhand Weather: अल्मोड़ा में दिनभर करवट बदलता रहा मौसम, रुड़की में फिर बढ़ी किसानों की चिंता
Uttarakhand Weather Update जिला मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों में मौसम दिन भर करवट बदलता रहा। वहीं ठंडी हवा चलती रही। इससे तापमान में गिरावट रही। सुबह सूर्योदय के दौरान आसमान साफ था। वहीं पूर्वाह्न बाद मौसम ने करवट बदली। आसमान में बादलों की आवाजाही शुरू हुई। इससे अपराह्न तक सूरज व बादलों के बीच आंख मिचौली का खेल चलता रहा।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा। जिला मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों में मौसम दिन भर करवट बदलता रहा। वहीं ठंडी हवा चलती रही। इससे तापमान में गिरावट रही। सुबह सूर्योदय के दौरान आसमान साफ था। वहीं पूर्वाह्न बाद मौसम ने करवट बदली। आसमान में बादलों की आवाजाही शुरू हुई। इससे अपराह्न तक सूरज व बादलों के बीच आंख मिचौली का खेल चलता रहा।
मौसम के बदले रुख से आसपास के क्षेत्रों के लाेग कम ही संख्या में बाजार पहुंचे। इससे संडे मार्केट में रौनक कम ही रही। इधर ग्रामीण क्षेत्रों में अब लोग हल्दी, अदरक बोआई के साथ ही मिर्च, बैंगन, शिमला मिर्च व टमाटर के पौधों के रोपण में जुट गए हैं। रविवार को अधिकतम तापमान 27 तथा न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम को देख फिर बढ़ी किसानों की चिंता
रुड़की : गन्ना किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। लगातार मौसम की मार से किसान परेशान हैं। अब दो दिन से फिर से बादल छाए रहने की वजह से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। मार्च से लेकर मई माह तक किसान काफी व्यस्त हो जाते हैं। इस समय देहात क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सरसों की कटाई चल रही है।सरसों की फसल पर पहले ही मौसम की मार पड़ चुकी है। ओलावृष्टि की वजह से सरसों की करीब 30 प्रतिशत से अधिक फसल खराब हो गई। साथ ही वर्षा की वजह से सरसों की कटाई भी देरी से शुरू हुई है। इस समय बड़े पैमाने पर कटाई चल रही है।
वहीं, शनिवार शाम से फिर से मौसम का मिजाज बदल गया है। रविवार को दिनभर बादल छाए रहने से किसानों की परेशानी बढ़ गई। वजह यह है कि जिले में अभी भी बड़ी संख्या में किसानों की फसल खेतों में पड़ी हुई है। साथ ही वसंतकालीन गन्ने की बोआई भी बड़े पैमाने पर चल रही है।
किसानों की परेशानी यह है कि यदि इसी तरह से मौसम बना रहा तो बोआई करने में मुश्किल हो जाएगी। इसके अलावा गन्ना कोल्हू संचालक भी परेशान हैं। मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराडी ने बताया कि इस समय वर्षा के फायदे कम नुकसान ज्यादा हैं। वहीं आम पर भी बौर आ चुकी है। ऐसे में फसल को भी नुकसान हो सकता है।
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