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कोसी नदी से सटे गाव बूंद- बूंद पानी को तरसे

पर्वतीय क्षेत्रों के हाल भी अजब गजब है। पहाड़ों में सुविधाएं नजदीक होने के बावजूद गांव के लोंगों को इसका लाभ नही मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 13 Dec 2020 11:11 PM (IST)
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कोसी नदी से सटे गाव बूंद- बूंद पानी को तरसे
संवाद सहयोगी,रानीखेत : पर्वतीय क्षेत्रों के हाल भी अजब गजब है। पहाड़ों में सुविधाएं नजदीक होने के बावजूद गावों के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। कोसी नदी से कुछ दूर रहने वाले सैकड़ों ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे। ग्रामीणों ने कोसी नदी से पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण किए जाने की पुरजोर माग उठाई है।

सर्दियों में भी तमाम गावों में पेयजल का अकाल पड़ा हुआ है। ग्रामीण दूरदराज के क्षेत्रों से पानी ढोने को मजबूर हैं। कई जगह वाहनों से तक पानी ढोया जा रहा है। कई गावों में लोग पानी के कारण पलायन तक कर चुके हैं। कोसी नदी के आसपास के गाव भी पानी के लिए तरस रहे है । रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे से सटे चापड़, कमान, अस्तोला, टूनाकोट धारी आदि तमाम गावों में पेयजल संकट बना हुआ है। गाव के लोग पानी की बूंदबूंद के लिए परेशान है। कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि धूराफाट क्षेत्र के अंतिम गाव होने के चलते लगातार उपेक्षा की जा रही है। कोसी नदी कुछ ही दूरी पर है जहा समुचित मात्रा में पानी उपलब्ध है बावजूद गाव के लोग प्यासे हैं। स्थानीय सुनील मेहरा, गिरीश चंद, दीपक जोशी, गणेश जोशी, कमल राणा, चंदन सिंह, हरेंद्र सिंह, पान सिंह, जीवन सिंह, ज्ञान सिंह, भोला सिंह, गोपाल सिंह, चंदन सिंह आदि लोगों ने कोसी नदी से पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण किए जाने की माग उठाई है ताकि गावों के लोगों को लाभ मिल सके। कहा है कि ग्रामीणों के अनुसार यदि कोसी नदी से पेयजल पंपिग योजना का निर्माण किया जाएगा तो गरीब तीन सौ से ज्यादा परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।

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