Almora News: जागेश्वर धाम के कर्मचारियों के लिए जारी हुआ ड्रेस कोड, ऑन ड्यूटी नहीं पहन पाएंगे रंग-बिरंगे कपड़े
अल्मोड़ा के प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में अब कर्मचारी रंग-बिरंगे कपड़े में नजर नहीं आएंगे। धाम में मंदिर समिति ने ड्रेस कोड लागू कर दिया है। कार्मिकों की दूर से ही अलग पहचान हो सकेगी। अब ऑन ड्यूटी धाम के सभी कर्मचारियों को नारंगी टी शर्ट और लाल व नीले रंग का ट्रैक शूट पहनना होगा। इस यूनिफार्म में ही वे अपनी ड्यूटी देंगे। इससे कार्मिकों की अलग पहचान हो सकेगी।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 08 Aug 2023 11:59 AM (IST)
अल्मोड़ा, जागरण संवाददाता। विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम के कर्मचारी अब एक जैसे ट्रैक शूट और टी शर्ट में दिखेंगे। धाम में मंदिर समिति ने ड्रेस कोड लागू कर दिया है। कार्मिकों की दूर से ही अलग पहचान हो सकेगी। जागेश्वर मंदिर समिति में अब तक कार्मिकों की अलग से कोई पहचान नहीं थी। ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटकों को पूछताछ आदि में दिक्कतें होती थीं। ऐसे में अब मंदिर में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है।
समिति की बैठक में भी कई बार इस मुद्दे पर मंथन हुआ। इधर, अब समिति ने मंदिर में ड्रेस कोड लागू कर दिया है। कार्मिकों के लिए नारंगी टी शर्ट और लाल व नीले रंग का ट्रैक शूट और लोअर निर्धारित किया है। इस यूनिफार्म में ही वे अपनी ड्यूटी देंगे। इससे कार्मिकों की अलग पहचान हो सकेगी। वहीं आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी काफी हद तक सहायता मिलेगी। इससे पहले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया था।
अमर्यादित कपड़े में नो एंट्री
जागेश्वर धाम में कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है, लेकिन उत्तराखंड के कई ऐसे मंदिर हैं, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए भी ड्रेस कोड है। दरअसल सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया। छोटे कपड़े पहनकर लड़कियों के मंदिर में जाने को लेकर विवाद हुआ और इसको देखते हुए उत्तराखंड के कई मंदिरों में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया।इन मंदिरों में भी लागू है श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड
उत्तराखंड में मंदिरों के अंदर छोटे कपड़े पहन कर एंट्री कर पाना मुश्किल है। न सिर्फ जागेश्वर धाम बल्कि कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर है जहां पर ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। इससे पहले दक्ष प्रजापति मंदिर और नीलकंठ महादेव मंदिरों में ड्रेस कोड लागू हो गया था। इससे संबंधित पोस्टर भी लगा दिए गए थे। महिला हो या पुरुष अमर्यादित वस्त्रों में इन मंदिरों में प्रवेश नहीं कर पाएगा। कांवड़ मेले से पूर्व यह फैसला लिया गया था।
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