भाजपा की पार्वती दास को मिला जनता का साथ, पति की मौत के बाद बनी बागेश्वर की विधायक; ऐसे हुई राजनीति में एंट्री
Parvati Das Biography उत्तराखंड की अनुसूचित जाति आरक्षित विधानसभा सीट बागेश्वर के लिए मतगणना पूरी हुई। बागेश्वर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार पार्वती दास 2405 मतों से विजयी हुईं। भाजपा प्रत्याशी ने कांग्रेस के बसंत कुमार को 2405 मतों के अंतर से हरा दिया है। तीसरे नंबर पर मतदाताओं ने नोटा को रखा। जानें पार्वती दास के जीवन से जुड़ीं बातें...
जागरण ऑनलाइन डेस्क, बागेश्वर। Parvati Das Biography: उत्तराखंड की अनुसूचित जाति आरक्षित विधानसभा सीट बागेश्वर (Bageshwar) के लिए मतगणना पूरी हुई। बागेश्वर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार पार्वती दास (Parvati Das) 2405 मतों से विजयी हुईं। भाजपा प्रत्याशी ने कांग्रेस के बसंत कुमार (Basant Kumar) को 2405 मतों के अंतर से हरा दिया है। तीसरे नंबर पर मतदाताओं ने नोटा को रखा। समाजवादी पार्टी (SP), उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (UPP) के उम्मीदवार हजार के आंकड़ें तक भी नही पहुंच सके।
दास, उत्तराखंड के पूर्व परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री तथा बागेश्वर विधानसभा सुरक्षित सीट से चार बार विधायक रह चुके स्व. चंदन राम दास की पत्नी हैं। चंदन राम दास (Chandan Ram Das) के निधन के बाद यह सीट खाली हुई। इसी खाली सीट पर उपचुनाव हुआ है।
उपचुनाव में सीट पर काबिज हुई भाजपा की प्रत्याशी पार्वती दास
भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास ने कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार को 2405 वोटों के अंतर से हराया। हालांकि EVM खुलने के बाद पहले राउंड कांग्रेस के बसंत करीब 700 से अधिक वोटों से आगे चल रहे थे। शुरुआती रुझान को देखते हुए कयास लगाया जा रहा था कि इस उपचुनाव में जीत कांग्रेस की होगी लेकिन दूसरी राउंड में ही पासा पलट गया और भाजपा व कांग्रेस कड़ी टक्कर में आ गए। देखते ही देखते दास आगे निकल गई और तीसरे से लेकर आखिरी यानी 14वें राउंड तक उन्होंने बढ़त को बरकरार रखा और आखिरकार कांग्रेस के प्रत्याशी बसंत कुमार को 2405 मतों के अतंर से हराकर उपचुनाव में विजय हासिल की।
उपचुनाव के लिए मैदान में रहे पांच प्रत्याशी
बागेश्वर विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिए पांच प्रत्याशी मैदान में रहे लेकिन चुनावी जंग के दौरान केवल भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया। पार्वती दास पहली बार भाजपा की तरफ से मैदान में उतरी और पहली बार में ही वह विजयी रही। वहीं कांग्रेस के बसंत कुमार दूसरे स्थान पर रहे। उपचुनाव में तीसरे नंबर पर नोटा रहा।
पांच सितंबर को हुआ था मतदान
कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन से रिक्त हुई इस सीट पर पांच सितंबर को 56.88 प्रतिशत मतदान हुआ था। सीधे मुकाबले में भाजपा की पार्वती दास और कांग्रेस के बसंत कुमार रहे।
उपचुनाव के नतीजे
पार्वती दास, बीजेपी - 33247
बसंत कुमार, कांग्रेस - 30842
अर्जुन देव, यूकेडी - 857
भगवत प्रसाद, सपा - 637
भागवत कोहली, यूपीपी - 268
नोटा - 1257
ऐसे हुई राजनीति में एंट्री
पार्वती दास के पक्ष में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर में जनसभा को संबोधित किया था। इसके जरिए उन्होंने पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में लोगों का समर्थन मांगा। पूर्व विधायक व धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चंदन राम दास के निधन के बाद भाजपा ने कोई जोखिम नहीं लेते हुए इस सीट से मंत्री की पत्नी को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला लिया। यहां तक की पार्वती दास के नामांकन के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे और उन्होंने पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में लोगों का समर्थन मांगा था।
कौन हैं पार्वती दास?
भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास एक सफल गृहणी हैं लेकिन अब वह राजनीति में प्रवेश कर चुकी हैं। हालांकि लगातार चार बार विधायक और कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) रहे उनके पति स्व. चंदन राम दास की कार्यप्रणाली से उन्होंने काफी कुछ सीखा है। कहा जा सकता है कि राजनीतिक परिवार होने का लाभ उन्हें मिला है और यहीं इन्हें अब जनता की सेवा करने में भी सहयोग करेगा।
पार्वती दास का मायका खरेही क्षेत्र विधानसभा बागेश्वर में आता है। हाल ही में हुए (अप्रैल, 2023) पति के निधन के बाद वह टूटी जरूर हैं लेकिन अब दोहरी जिम्मेदारी उनके पास है और वह उसे निभाने के लिए तैयार दिख रही हैं। उनके बेटे गौरव दास का विवाह हो गया है और दो बच्चे भी हैं। जबकि छोटे बेटे भाष्कर दास अभी पढ़ाई कर रहे हैं। बेटी गुंजन बाला का भी विवाह हो चुका है और वह उप क्रीड़ाधिकारी हैं। जबकि छोटी बेटी डा. सुनैना अभी अविवाहित है। बहू सीमा दास गृहणी है। पार्वती ने 12वीं तक पढ़ाई की है। वह 61 वर्ष की हैं। इनका जन्म 14 नवंबर, 1962 में हुआ।
पार्वती दास के पति व पूर्व विधायक का 26 अप्रैल, 2023 को हुआ था निधन
पार्वती दास ने अपने पति व बागेश्वर विधानसभा सीट से चार बार विधायक रह चुके पूर्व विधायक चंदन राम की जीत को कायम रखा और इस सीट पर जीत हासिल की। पूर्व विधायक का इसी साल 26 अप्रैल को दोपहर के समय कार्डियक अटैक के कारण आकस्मिक निधन हो गया था। वह 65 वर्ष के थे।