Forest Fire गौरतलब है कि 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन होता है। इन दिनों आग की घटनाएं अधिक होती हैं लेकिन उसके बाद जंगलों की आग शांत हो जाती है। बरसात व सर्दियों में जंगलों में आग नहीं लगती लेकिन इधर सर्दी के मौसम में भी जिले में जंगल धधक रहे हैं। बीते दिनों पौड़ी बैंड के पास के जंगलों में कई दिन तक आग लगी रही।
By ghanshyam joshiEdited By: riya.pandeyUpdated: Sat, 02 Dec 2023 04:25 PM (IST)
संवाद सूत्र, कपकोट।
Forest Fire:
वन क्षेत्र के अंतर्गत चिरपतकोट का जंगल दो दिन से धधक रहा है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी है। बावजूद जंगल की आग बुझाने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। सर्दियों में जंगलों में आग लगने की घटना पर क्षेत्र के ग्रामीणों में तीव्र आक्रोश व्याप्त है।
उन्होंने आग को काबू करने की मांग की है।
15 फरवरी से 15 जून तक होता है फायर सीजन
गौरतलब है कि 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन होता है। इन दिनों आग की घटनाएं अधिक होती हैं, लेकिन उसके बाद जंगलों की आग शांत हो जाती है। बरसात व सर्दियों में जंगलों में आग नहीं लगती लेकिन इधर सर्दी के मौसम में भी जिले में जंगल धधक रहे हैं।
बीते दिनों पौड़ी बैंड के पास के जंगलों में कई दिन तक आग लगी रही। सूचना के बाद वन विभाग ने आग को किसी तरह काबू किया। अब कपकोट वन रेंज के चिरपतकोट के जंगल में दो दिन से आग लगी हुई है। आग की लपटों को देखने के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी, लेकिन इसके बाद भी जंगल रातभर जलते रहे।
क्षेत्र में छाया धुंध
जंगल में आग लगने की घटना के कारण क्षेत्र में धुंध छाने लगी है। इतना ही नहीं आग की बढ़ती घटनाओं के कारण बेशकीमती वन संपदा भी नष्ट हो रही है। जंगलों में रहने वाले वन्य जीवों पर भी संकट गहराने लगा है। लोगों ने वन विभाग से आग पर काबू पाने तथा जंगलों में आग लगाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
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अराजक तत्वों पर विभाग की नजर
इधर, वन क्षेत्राधिकारी नारायण दत्त पांडे ने बताया कि शनिवार की सुबह आग पर काबू पा लिया गया है। अराजक तत्वों पर विभाग नजर बनाए हुए है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें कोई व्यक्ति जंगलों में आग लगाते हुए दिखता है तो उसका नाम व पता विभाग को दें। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।
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