उत्तराखंड में जोशीमठ के बाद अब दूसरे पहाड़ी शहर के घरों में पड़ी विशाल दरारें, खतरे में 131 परिवार
Bageshwar Landslide उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के बाद अब बागेश्वर में घरों में दरारें पड़ रही हैं। 131 परिवारों पर खतरा मंडरा रहा है। गांव वालों का कहना है कि दरार आना गत वर्ष से ही प्रारंभ हो गया था। वहीं एनजीटी ने कांडा में खनन से घरों व मंदिर में आई दरार का स्वतः संज्ञान लेने पर ग्रामीणों की उम्मीदें जगी हैं।
प्रभावितों ने कहा कि कोई नहीं सुनता
हेम कांडपाल, साधो राम ने बताया कि गांव में दरार आना गत वर्ष से ही प्रारंभ हो गया था। जब मां कालिका के मंदिर में दरार आई तो जांच को टीम आई। उसने ग्रामीणों की समस्या की अनदेखी की। जब स्थिति भयावह हो गई है। कई परिवार पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं। उसके बाद प्रशासन ने टीम गांव में भेजी है।एनजीटी के संज्ञान लेने से प्रभावितों की बढ़ी उम्मीद
एनजीटी ने कांडा में खनन से घरों व मंदिर में आई दरार का स्वतः संज्ञान लेने पर ग्रामीणों की उम्मीदें जगी हैं। पीड़ित परिवारों का मानना है कि उनकी समस्याओं को अब तक सरकार व प्रशासन ने नहीं सुना। उन्हें एनजीटी से न्याय की उम्मीद है। एनजीटी के भ्रमण के बाद अवैध खनन बंद होगा। नुकसान की भरपाई होगी।जिलाधिकारी के निर्देश पर निरीक्षण किया। 20 से 25 परिवार प्रभावित हैं। लेकिन गांव में चार-पांच परिवार ही रह रहे हैं। खड़िया खान गांव के बगल में है। मंदिर में भी दरारें हैं। पानी भी अधिक है। तकनीकी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। कई परिवार खतरे को देखते हुए पलायन कर चुके हैं। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है। अभी एनजीटी का नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। -जिज्ञासा बिष्ट, जिला खान अधिकारी।
कांडा के लोगों ने सोमवार को आयोजित जनता दरबार में घरों में दरारें आने की शिकायत की थी। उनकी शिकायत पर खनन विभाग के साथ ही तहसील प्रशासन की टीम को मौका मुआयना के लिए भेजा है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। कालिका मंदिर के पास हो रहा खनन कार्य बंद है। -अनुराधा पाल, डीएम बागेश्वर।