उत्तराखंड में जोशीमठ के बाद अब दूसरे पहाड़ी शहर के घरों में पड़ी विशाल दरारें, खतरे में 131 परिवार
Bageshwar Landslide उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के बाद अब बागेश्वर में घरों में दरारें पड़ रही हैं। 131 परिवारों पर खतरा मंडरा रहा है। गांव वालों का कहना है कि दरार आना गत वर्ष से ही प्रारंभ हो गया था। वहीं एनजीटी ने कांडा में खनन से घरों व मंदिर में आई दरार का स्वतः संज्ञान लेने पर ग्रामीणों की उम्मीदें जगी हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर। Bageshwar Landslide: खड़िया खनन के परिणाम घातक हो सकते हैं। वर्तमान में भूस्खलन की जद में 131 परिवार हैं। जिसमें खनन क्षेत्र के 80 परिवार प्रभावित हैं। कांडा तहसील के 25 मकानों में दरार पड़ गई है। आदि शंकराचार्य स्थापित मां कालिका मंदिर भी सुरक्षित नहीं रह गया है। अलबत्ता खनन पहाड़ के लिए घातक साबित हो सकता है।
जिले में 131 खड़िया खान स्वीकृत हैं। 59 वर्किंग पर हैं। वर्षा ऋतु में खनन बंद था। कांडा क्षेत्र में आधा दर्जन खान स्वीकृत हैं। क्षेत्र के अस्तित्व को खतरा बना हुआ है। कांडे कन्याल, अन्नपूर्णा, गणवा सिरमोली, धपोली आदि क्षेत्रों में अवैध रूप से मशीनों से खनन हो रहा है।
खनन से ग्रामीणों के खेतों के साथ ही गौचर, पनघट, रास्ते, प्राकृतिक स्रोतों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है। बीते वर्ष कांडे कन्याल में खनन से शंकराचार्य स्थापित मां कालिका मंदिर, गैस गोदाम तथा राबाइंका कांडा को खतरा हो गया था। जिसके बाद प्रशासन ने एक खड़िया खान को बंद किया। लेकिन अन्य खानों में अवैज्ञानिक तरीके से खनन होता रहा।
प्रभावितों ने कहा कि कोई नहीं सुनता
हेम कांडपाल, साधो राम ने बताया कि गांव में दरार आना गत वर्ष से ही प्रारंभ हो गया था। जब मां कालिका के मंदिर में दरार आई तो जांच को टीम आई। उसने ग्रामीणों की समस्या की अनदेखी की। जब स्थिति भयावह हो गई है। कई परिवार पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं। उसके बाद प्रशासन ने टीम गांव में भेजी है।
एनजीटी के संज्ञान लेने से प्रभावितों की बढ़ी उम्मीद
एनजीटी ने कांडा में खनन से घरों व मंदिर में आई दरार का स्वतः संज्ञान लेने पर ग्रामीणों की उम्मीदें जगी हैं। पीड़ित परिवारों का मानना है कि उनकी समस्याओं को अब तक सरकार व प्रशासन ने नहीं सुना। उन्हें एनजीटी से न्याय की उम्मीद है। एनजीटी के भ्रमण के बाद अवैध खनन बंद होगा। नुकसान की भरपाई होगी।
जिलाधिकारी के निर्देश पर निरीक्षण किया। 20 से 25 परिवार प्रभावित हैं। लेकिन गांव में चार-पांच परिवार ही रह रहे हैं। खड़िया खान गांव के बगल में है। मंदिर में भी दरारें हैं। पानी भी अधिक है। तकनीकी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। कई परिवार खतरे को देखते हुए पलायन कर चुके हैं। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है। अभी एनजीटी का नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। -जिज्ञासा बिष्ट, जिला खान अधिकारी।
कांडा के लोगों ने सोमवार को आयोजित जनता दरबार में घरों में दरारें आने की शिकायत की थी। उनकी शिकायत पर खनन विभाग के साथ ही तहसील प्रशासन की टीम को मौका मुआयना के लिए भेजा है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। कालिका मंदिर के पास हो रहा खनन कार्य बंद है। -अनुराधा पाल, डीएम बागेश्वर।