Fire Season: उत्तराखंड में 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू, अब माडल क्रू-स्टेशन जंगल की आग पर रखेगा नजर; 120 फायर वाचर नियुक्त
इस बार जंगलों में आग लगाने पर सख्त सजा का प्रावधान रखा गया है। प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी Uttarakhand Fire Season सुनील कुमार ने बताया कि प्रत्येक कर्मचारी को अलर्ट मोड पर रखा गया है। यदि कहीं पर आग लगी तो क्षेत्र के कर्मचारी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही आग लगाने वालों पर एफआइआर दर्ज होगी।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर। Uttarakhand Fire Season: फायर सीजन प्रारंभ हो गया है। 66236 हेक्टेयर वन क्षेत्र में आग बुझाने के लिए 120 फायर वाचर नियुक्त कर दिए हैं। माडल क्रू-स्टेशन जौलकांडे से जंगलों की आग पर वन विभाग नजर रखेगा। इसके अलावा उच्चाधिकारी जीपीएस से भी आग लगने पर त्वरित कार्रवाई करेंगे।
15 फरवरी से फायर सीजन प्रारंभ हो गया है। अब तक कई जंगल आग की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि वन विभाग कंट्रोल वर्निंग मान रहा है। जिले में 66236 हेक्टेयर वन क्षेत्र वन विभाग के अधीन है। 38 हजार हेक्टेयर वन पंचायत और सिविल है। आग की बुझाने की जिम्मेदारी वन विभाग के पास है।
वन विभाग ने छह रेंजर, नौ डिप्टी रेंजर 38 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और 120 फायर वाचरों की जिम्मेदारी दी है। 30 क्रू- स्टेशन बनाए हैं। 29 क्रू-स्टेशन सामान्य और एक माडल क्रू-स्टेशन है। जहां चार फायर वाचर समेत वन दरोगा, वन रक्षक आदि 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगे। इसके अलावा जिले में कहीं भी आग की सूचना मिलने पर कंट्रोल रूम में सूचना दी जा सकती है।
आग लगाने वालों को हो सकती है जेल
इस बार जंगलों में आग लगाने पर सख्त सजा का प्रावधान रखा गया है। प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि प्रत्येक कर्मचारी को अलर्ट मोड पर रखा गया है। यदि कहीं पर आग लगी तो क्षेत्र के कर्मचारी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही आग लगाने वालों पर एफआइआर दर्ज होगी।
प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी बागेश्वर सुनील कुमार के अनुसार, जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग कृत संकल्प है। इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। कर्मचारियों को इसके लिए उपकरण बांट दिए गए हैं।
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