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Uttarakhand News: दिनदहाड़े गुलदार ने दो बच्‍चों को मार डाला, एक को घर के आंगन व दूसरे को दादी की गोद से घसीटा

उत्तराखंड में गुलदार का आतंक दिनदहाड़े दो मासूम बच्चों को मार डाला। नानकमत्ता में 11 साल के गुरप्रीत को घर के आंगन से खींचकर ले गया और बागेश्वर के औलानी गांव में 2 साल की योगिता को दादी की गोद से उठाकर जंगल ले गया। दोनों बच्चों की मौत हो गई। वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और गुलदार को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 18 Oct 2024 09:09 AM (IST)
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ऊपर से गुरप्रीत, की फाइल और नीचे योगिता फाइल फोटोl सौ. स्वजन

जागरण टीम, नानकमत्ता/बागेश्वर। पहाड़ से लेकर मैदान तक गुलदार जंगलों से बाहर निकलकर आबादी में दहशत फैला रहा है। गुरुवार को नानकमत्ता के बिचवा भूड़ में घर के आंगन में खेल रहे 11 साल के बालक को पिता की आंखों के सामने गुलदार गन्ने के खेत में खींच ले गया।

गंभीर स्थिति में अस्पताल लाने तक बालक की मौत हो गई। वहीं, दूसरी घटना बागेश्वर जिले के अंतर्गत औलानी गांव में हुई। यहां दादी के साथ बैठी दो साल की बच्ची को गुलदार घसीटकर जंगल की तरफ ले गया। बाद में उसका शव बरामद हुआ। नानकमत्ता में बिचवा भूड़ गांव रनसाली रेंज के जंगल से लगा है।

गांव निवासी कुलविंदर सिंह का 11 साल का बेटा गुरप्रीत सिंह अपराह्न एक बजे अपने घर के पीछे आंगन में खेल रहा था। पास में ही कुलविंदर झाड़ियों की कटाई कर रहे थे। तभी गन्ने के खेत से आए गुलदार ने अचानक पीछे से बालक की गर्दन पर हमला कर दिया और खींचकर ले जाने लगा।

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बालक पर गुलदार का हमला देख पिता ने शोर मचाया। जिस पर गुलदार गन्ने के खेत में बालक को छोड़कर भाग गया। गुरप्रीत को को तत्काल सितारगंज उप जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दूसरी घटना बागेश्वर जिले के जिस औलानी गांव में हुई, वह धरमघर वन रेंज से लगा है।

गुलदार के हमले से दहशत में ग्रामीण- जागरण


ग्राम प्रधान गीता साहनी ने बताया कि रवि उप्रेती की दो वर्षीय बेटी योगिता अपने एक वर्ष के भाई शौर्य के साथ आंगन में दादी कला उप्रेती के साथ थी। शाम छह बजे गुलदार योगिता को उठाकर ले गया। पास में ही महिलाओं ने यह देख शोर मचाया तो गुलदार घर के पीछे बच्ची को छोड़कर जंगल भाग गया। गले तथा सिर पर गहरे जख्म होने से बच्ची ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने पिंजरा लगाने की मांग की है।

बच्ची की मौत के बाद औलानी में वन विभाग की चार टीमों का डेरा

अब तक मवेशियों को निवाला बनाने वाला गुलदार नरभक्षी भी हो गया है। दादी के साथ आंगन में बैठी बच्ची को मारने के बाद वन विभाग में भी हड़कंप मच गया है। इसकी सूचना मिलते ही वन विभाग की चार टीमें ने गांव में डेरा डाल गश्त शुरू कर दी है।

पीड़ित परिवार को छह लाख रुपये त्वरित मुआवजा देने की कार्रवाई शुरू करने के साथ ही मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने पिंजरा लगाने व गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति दे दी है। कांडा तहसील के औलानी गांव में गुलदार का आतंक लंबे समय से बना है।

वहीं मवेशियों के बाद मासूम बच्ची को निवाला बनाने से ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। ग्राम प्रधान गीता साहनी ने बताया कि अब तक गुलदार 11 मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है। इसकी सूचना उन्होंने वन विभाग तथा तहसील प्रशासन को दी।

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बावजूद विभाग ने गांव में पिंजरा नहीं लगाया। यदि समय पर विभाग जाग जाता तो यह घटना नहीं होती। उन्होंने विभाग पर भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। वहीं बच्ची की मौत की सूचना मिलने की वन विभाग के साथ ही प्रशासन की टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गई थी।

डीएफओ बागेश्वर धुव सिंह मर्तोलिया ने बताया कि पीड़ित परिवार को छह लाख रुपये त्वरित मुआवजा देने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। वन विभाग की चार टीमें औलानी गांव स्थित घटना स्थल पर पहुंच चुकी हैं। मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक उत्तराखंड से पिंजरा लगाने व गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति प्राप्त हो चुकी है।

गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के लिए पशु चिकित्सक घटना स्थल पर रवाना हो गए हैं। वन विभाग की टीम ने गांव व आसपास गश्त बढ़ा दी है। ग्रामीणों से एहतियात बरतने की अपील की जा रही है। वहीं मृतक का पिता स्वरोजगार अपनाकर अपने परिवार का लालन-पालन करते हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार गांव के आसपास ही गुर्रा रहा है। ग्राम प्रधान समेत पूरन भौर्याल, गोविंद साहनी, नरेंद्र भौर्याल, मनमोहन भौर्याल, पूर्व प्रधान माधो सिंह, पूरन उप्रेती ने गांव में पिंजड़ा लगाने तथा आदमखोर गुलदार को पकड़ने की मांग की है। साथ पीड़ित परिवार को अधिक से अधिक मुआवजा देने की मांग की है।

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