जागरण संवाददाता, बागेश्वर । Pindari Slipped Back: पिंडारी ग्लेशियर का स्थान बदल गया है। यह अच्छे संकेत नहीं हो सकते हैं। 60 वर्ष बाद पिंडारी गए पद्मश्री अनूप साह ने चिंता व्यक्त की है। कहा कि क्षतिग्रस्त रास्तों की मरम्मत नहीं हो सकी है। कफनी ग्लेशियर का ट्रैक अभी बंद है।
खाती से द्वाली की दूरी लगभग तीन किमी बढ़ गई है। रास्ता बहुत खराब हो गया है। रास्तों की मरम्मत नहीं होने के कारण कफनी ग्लेशियर अब तक बंद है। जगंलों में वन्यजीवों की संख्या तेजी से घट रही है। चरवाहों की भेड़ों तथा घोड़ों को हिम तेंदुआ और भालू मार दे रहे हैं। पिछले दिनों 11 घोड़े, 12 भेड़ों को मार दिया गया था। उन्हें किसी प्रकार का मुआवजा नहीं मिला।
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पाडली की चट्टान से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से बच गए कई यात्री वाह
गरमपानी : अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर अतिसंवेदनशील पाडली क्षेत्र में पहाड़ी से एकाएक गिरे पत्थरों की चपेट में आने से यात्री वाहन बाल बाल बच गए। घटना से अफरा तफरी मच गई। कार सवारों ने वाहन से बाहर निकल बामुश्किल जान बचाई। पत्थर व मलबा गिरने से उठे धूल के गुबार से आवाजाही भी ठप हो गई। पहाड़ी से पत्थरों के गिरने का क्रम थमने के बाद बामुश्किल यातायात सुचारु हुआ।
बुधवार को हाइवे पर पाडली क्षेत्र में उस वक्त बड़ी अनहोनी टल गई जब पहाड़ी से एकाएक धूल के गुबार के साथ पत्थर व मलबा हाईवे पर आ गिरा। आवाजाही कर रहे यात्रियों से भरा यात्री वाहन व दो अल्टो कार तथा एक स्कूटी सवार बाल बाल बच गए। हो हल्ला होने पर वाहन के अंदर से यात्री बाहर की ओर निकल सुरक्षित स्थान की और दौड़ गए। वाहन चालकों ने भी आनन फानन में वाहनों को पीछे कर लिया।
घटना से हाईवे पर हड़कंप मच गया। काफि देर तक आवाजाही भी ठप रही। यात्री वाहनों के चालक वाहनों को आगे बढ़ाने की हिम्मत नहीं जुटा सके। दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। पहाड़ी से पत्थर व मलबा गिरने का क्रम थमने के बाद बामुश्किल यातायात सुचारु हो सका।