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APJ Abdul Kalam Death Anniversary: मिसाइल मैन ऑफ इंडिया को सलाम,कांग्रेस ने दी पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि

APJ Abdul Kalam Death Anniversary मिसाइलमैन के नाम से ख्यात पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। आज इसी मिसाइलमैन की पुण्यतिथि है। भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम वो शख्सियत हैं जिनके विचार आज भी देश के युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।

By ghanshyam joshiEdited By: Swati SinghUpdated: Thu, 27 Jul 2023 02:26 PM (IST)
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मिसाइल मैन ऑफ इंडिया को सलाम,कांग्रेस ने दी पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि
बागेश्वर, जागरण संवाददाता। भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज पुण्यतिथि है। पूरा देश अपने इस चहेते नेता को आज याद कर रहे हैं। डॉ. कलाम अपनी योग्यता और अपनी महान बातों के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं। उनके मुंह से निकले हर शब्‍द युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

पूरा देश अपने चहेते नेता को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उत्तराखंड में भी पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया। उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। बागेश्वर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत के लिए किए गए कार्यो की सराहना करते हैं। इस दौरान भगवत डसीला, ललित फर्स्वाण, गोपा धपोला, कुंदन गोस्वामी, सुनील भंडारी, ललित गोस्वामी, राजेंद्र परिहार, ललित बिष्ट, विनोद पाठक, आदि उपस्थित थे।

देश का 'अनोखा रत्न'

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम न केवल एक महान राष्ट्रपति थे बल्कि एक अद्भुत वैज्ञानिक भी थे, जिन्हें हम सब मिसाइल मैन के नाम से जानते हैं। विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में उन्होंने अतुलनीय योगदान दिया है, जिसकी वजह से उन्हें सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

डीआरडीओ के लिए किया 40 साल काम

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवन के लगभग चालीस साल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के लिए काम करते हुए बिताए। लेकिन यह 27 जुलाई, 2015 का दुर्भाग्यपूर्ण दिन था जब शिलांग में भाषण देते हुए उनकी हृदय गति रुक गई और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

मिसाइल मैन की मिली पदवी

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (1931-2015) एक प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति (2002-2007) थे। उन्हें "मिसाइल मैन" के नाम से जाना जाता है, उन्होंने देश के रक्षा और अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत की परमाणु क्षमताओं में कलाम के महत्वपूर्ण योगदान ने उन्हें सम्मान और प्रशंसा दिलाई।

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