विधानसभा उपचुनाव के लिए निर्वाचन व्यय लेखा का तीसरे चरण का किया गया मिलान, चुनावी खर्च में भाजपाई सबसे आगे
बागेश्वर उपचुनाव विधानसभा उपचुनाव के लिए निर्वाचन व्यय लेखा का तीसरे चरण का मिलान किया गया। इसमें भाजपा प्रत्याशी ने सबसे अधिक और उपपा प्रत्याशी ने सबसे कम धनराशि खर्च की है। विकास भवन सभागार में व्यय प्रेक्षक प्रभात डंडोटिया के निर्देशन में सहायक व्यय प्रेक्षक नौशाद आलम ने सभी पार्टी प्रत्याशियों का व्यय लेखा मिलान किया। सभी प्रत्याशियों के व्यय लेखा रजिस्टर पूर्ण पाए गए।
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Tue, 05 Sep 2023 10:14 AM (IST)
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : बागेश्वर उपचुनाव: विधानसभा उपचुनाव के लिए निर्वाचन व्यय लेखा का तीसरे चरण का मिलान किया गया। इसमें भाजपा प्रत्याशी ने सबसे अधिक और उपपा प्रत्याशी ने सबसे कम धनराशि खर्च की है। विकास भवन सभागार में व्यय प्रेक्षक प्रभात डंडोटिया के निर्देशन में सहायक व्यय प्रेक्षक नौशाद आलम ने सभी पार्टी प्रत्याशियों का व्यय लेखा मिलान किया।
सहायक व्यय प्रेक्षक ने व्यय लेखा रजिस्टर को बताया पूर्ण
भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास ने अब तक 24 लाख 23 हजार 183 रुपये, कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार ने 19 लाख 64 हजार 100 रुपये, उपपा के भगवत कोहली ने एक लाख 24 हजार 430 रुपये सपा प्रत्याशी भगवती प्रसाद त्रिकोटी ने एक लाख 71 हजार 96 रुपये, जबकि यूकेडी प्रत्याशी अर्जुन देव ने तीन लाख 33 हजार 96 रुपये खर्च किए हैं। सहायक व्यय प्रेक्षक ने बताया कि सभी प्रत्याशियों के व्यय लेखा रजिस्टर पूर्ण पाए गए।
डबल इंजन सरकार को सता रहा हार का डर : माहरा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन सिंह माहरा ने दावा किया कि उनकी पार्टी बागेश्वर उपचुनाव बहुमत से जीतेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का मुख्य चुनाव आयुक्त को पर्यवेक्षक के विरुद्ध लिखा पत्र सार्वजनिक करते हुए तंज कसा कि केंद्र व राज्य में अपनी सरकार होने के बावजूद सत्तापक्ष को हार का डर सता रहा है। इसीलिए सत्तापक्ष बौखलाहट में आयोग को पत्र लिख कांग्रेस प्रत्याशी को लाभ पहुंचाने का हवाला दे रहा है।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा ने बागेश्वर के बाद अपने गृहक्षेत्र में किया विजिट
बागेश्वर से लौटे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा सोमवार को गृहक्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी और गर्भगृह में पीएम के नियम तोड़ने, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों की आस्था से जुड़े जोशीमठ की दयनीय हालत आदि मुद्दे उपचुनाव में हावी रहे।