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Bageshwar : कॉलेज पहुंचते ही चिखने चिल्लाने लगती है छात्राएं, कई छात्राओं ने स्कूल जाना छोड़ा

बीते मंगलवार को तीन छात्राएं फिर से अजीब हरकत करने लगी। लगभग 80 किमी दूर खाती से एक अभिभावक पुत्री को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने दैनिक जागरण को आपबीती बताई। बताया कि उनकी बेटी घर में स्वस्थ्य रहती है।

By Jagran NewsEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Wed, 07 Dec 2022 07:08 PM (IST)
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Bageshwar : कॉलेज पहुंचते ही चिखने चिल्लाने लगती है छात्राएं (सांकेतिक तस्वीर)
बागेश्वर, जागरण टीम : जिले के अंतिम राजकीय इंटर कालेज खाती के छात्राएं मास हिस्टीरिया से पीड़ित हैं। वह विद्यालय आने पर चिल्लाने, रोने, नाचने और अजीब हरकतें कर रहे हैं। अभिभावक परेशान हैं। तीन छात्राओं ने विद्यालय जाना बंद कर दिया है। अभिभावकों के अनुसार वह बालिकाओं का उपचार भी करा रहे हैं। घर में वह स्वस्थ्य रहती हैं और विद्यालय जाने पर बीमार हो रही हैं।

पिंडारी ग्लेशियर के रास्ते का अंतिम गांव खाती के इंटर कालेज में लगभग 75 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं। यहां मोबाइल फोन के सिग्नल भी भाग्यवस लग जाते हैं। अभिभावकों के अनुसार कक्षा नौ से 12 वीं तक की छात्राएं बेहोश हो रही हैं। वह चिल्लाने लगती है और अजीब हरकतें करती हैं। नवंबर के अंतिम सप्ताह में दो छात्राएं बेहोश हुई। उसकी बाद संख्या 15 तक पहुंच गई।

बीते मंगलवार को तीन छात्राएं फिर से अजीब हरकत करने लगी। लगभग 80 किमी दूर खाती से एक अभिभावक पुत्री को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने दैनिक जागरण को आपबीती बताई। बताया कि उनकी बेटी घर में स्वस्थ्य रहती है। विद्यालय जाने पर वह अजीब हरकतें कर रही है। डाक्टरों को दिखाया और उन्होंने बताया कि वह मास हिस्टीरिया की शिकार हो सकती है। उन्होंने बताया कि तीन छात्राएं इसबीच विद्यालय नहीं जा रही हैं।

अभिभावक बोले लगाएं स्वास्थ्य शिविर

खाती के यामू सिंह, तारा सिंह, प्रकाश सिंह, चंल सिह आदि ने बताया कि बालिकाओं को अस्पताल भी दिखाया गया। विद्यालय में पूजा का आयोजन भी किया गया। बावजूद कोई लाभ नहीं मिल रहा है। विद्यालय के शिक्षक भी परेशान हैं। मोबाइल के सिग्नल कम आते हैं। जिससे उच्चाधिकारियों को सूचना भी नहीं पहुंच पाती है। उन्होंने विद्यालय में स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने की मांग की है।

क्या कहतें हैं विशेषज्ञ

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी हरीश पोखरिया ने बताया कि बोर्ड परीक्षाएं नजदीक हैं। छात्राएं कई किमी पैदल चलकर विद्यालय पहुंचती हैं। जाड़ों के दिन हैं। भोजन आदि भी भरपेट सुबह नहीं करतीं हैं। वह मास हिस्टीरिया की शिकार हो सकती हैं। उनकी काउंसलिंग की जाएगी। पहले रैखोली फिर शामा में भी इस तरह के केस मिले। लेकिन वर्तमान में उन विद्यालयों में स्थिति ठीक है।

मुख्य शिक्षाधिकारी गजेंद्र सौन ने बताया क‍ि बीते माह में राइंका खाती से सूचना मिली थी। प्रधानाचार्य से फोन पर वार्ता की जा रही है। सभी प्रधानाचार्यों को आगामी शनिवार को बुलाया गया है। विद्यालय में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया जाएगा। वह लगातार संपर्क में हैं।

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