Uttarakhand: अग्निवीर भर्ती में असफल रहने पर खुदकुशी करने वाले कमलेश की मौत से हरदा दुखी, ट्वीट कर उठाए सवाल
हरदा ने लिखा यह सामजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए एक चेतावनी है। प्रदेश में रिक्त पदों को भरा जाना चाहिए। ताकि कोई कमलेश जैसा रास्ता अपनाने को बाध्य नहीं हो। उन्होंने यह भी कहा कि वह कमलेश के माता-पिता से कपकोट मिलने उनके गांव जाएंगे।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : अग्निवीर भर्ती में असफल रहने पर जहर खाकर खुदकुशी करने वाले कमलेश गिरी के स्वजनों को सांत्वना देने वालों का तांता लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी ट्वीटर पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। वहीं, उपजिलाधिकारी हरगिरी ने मृतक के स्वजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी है।
कमलेश ने खुदकुशी से पहले बनाया था वीडियो
फरसाली गांव के 21 वर्षीय कमलेश गिरी ने अग्निवीर भर्ती में सफलता न मिलने पर कुछ दिनों पहले जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पूर्व कमलेश ने वीडियो मैसेज भी रिकॉर्ड किया था, जो घटना के बाद से वायरल हो रहा है। बेटे की मौत के बाद से स्वजन आहत हैं। बीते मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद कमलेश के शव को गांव में समाधि दी गई। जिला प्रशासन की ओर से उपजिलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे। इधर, जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कमलेश के आत्मघाती कदम पर दुख व्यक्त किया। कहा कि युवाओं को धैर्य व संयम बरतने की आवश्यकता है।
जब आकांक्षा दम तोड़ देती है। जब व्यक्ति को लगता है कि मेरे परिश्रम, मेरी योग्यता का मूल्य पाने से मुझे वंचित किया जा रहा है..https://t.co/g2bXKcF02M.. उनके परिजनों को इस असहनीय दु:ख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
।।ॐ शांति।।#India #uttarakhand @narendramodi @pushkardhami pic.twitter.com/giVO0bdsHJ— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) November 2, 2022
पूर्व सीएम हरदा ने किया ट्वीट
वहीं, अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा, 'जब आकांक्षा दम तोड़ देती है। जब व्यक्ति को लगता है कि मेरे परिश्रम, मेरी योग्यता का मूल्य पाने से मुझे वंचित किया जा रहा है। मेरा हक मुझे नहीं मिल पा रहा है, तो व्यक्ति वह रास्ता अपना सकता है, जो उसे नहीं अपनाना चाहिए। कपकोट के नौजवान कमलेश गोस्वामी ने हताशा में एक ऐसा कदम उठा लिया, जिसने हम सबका सिर झुका दिया। कमलेश अग्निवीर के रूप में भर्ती न हो पाने से निराश होकर आत्महत्या करने वाला दूसरा नौजवान है।'
पूर्व सीएम ने लिखा है, 'सेना में भर्ती होना उत्तराखंड के हजारों नौजवानों का एक जुनून है। यहां तक कि अग्निवीर ही सही जो वास्तव में एक छल है। नौजवान उस छल की छड़ी को पकड़कर भी जीवन की लड़ाई लड़ने के लिए खड़ा होना चाहता है। उन्होंने कहा कि कमलेश के कदम से दुख है। निराशा में ऐसा कदम उठाने के बजाय अपने मां-बाप, भाइयों की तरफ देखते। जब आप परिश्रम कर एनसीसी का सी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हो, खेल में नंबर वन स्थान प्राप्त कर सकते हो, तो आप दूसरे रास्ते में भी अपने जीवन को ढाल सकते थे। अपने परिवार और समाज का सहारा बन सकते थे।'
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हरदा ने लिखा, 'यह सामजिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए एक चेतावनी है। प्रदेश में रिक्त पदों को भरा जाना चाहिए। ताकि कोई कमलेश जैसा रास्ता अपनाने को बाध्य नहीं हो। उन्होंने यह भी कहा कि वह कमलेश के माता-पिता से कपकोट मिलने उनके गांव जाएंगे। उनके टूटे हुए मन को सांत्वना देंगे।'
प्रशासन ने वीडियो पर लगाई रोक
इंटरनेट मीडिया पर नकारात्मक और भावनात्मक वीडियो डालने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। जिला प्रशासन ने कहा है कि नकारात्मक विडियो, न्यूज और सूचनाओं से समाज में विशेषकर युवाओं में मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभाव पड़ता है। जिलाधिकारी ने सूचना विभाग को कमलेश के वायरल वीडियो को तत्काल हटववाने के भी निर्देश दिए।