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Online Gaming के लिए 10वीं के छात्र ने अपने ही घर में करवाई 40 लाख की चोरी, उत्‍तराखंड में सामने आया चौंकाने वाला मामला

Uttarakhand Crime News उत्तराखंड में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां 10वीं कक्षा के एक छात्र ने ऑनलाइन गेमिंग की लत के चलते अपने ही घर में 40 लाख रुपये की चोरी करवाई। छात्र ने अपने दो नाबालिग दोस्तों के साथ मिलकर यह चोरी की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कार के नंबर के आधार पर चोरों तक पहुंचने में सफलता पाई है।

By Devendra rawat Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 02 Nov 2024 08:58 PM (IST)
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Uttarakhand Crime News: दीवार फांदकर घर में घुसे दो दोस्त, मुख्य दरवाजे का ताला तोड़कर लाखों के जेवरात समेटे। प्रतीकात्‍मक
संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर (चमोली)। Uttarakhand Crime News: ऑनलाइन गेमिंग, ट्रेडिंग और महंगे शौक के चलते दसवीं के छात्र ने अपने ही घर में लाखों की चोरी करवा दी। चोर भी उसके दो नाबालिग दोस्त निकले। दोनों दीवार फांदकर घर में घुसे और मुख्य दरवाजे का ताला तोड़कर अलमारी से करीब 40 लाख के जेवर समेट ले गए।

नैनीताल के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने वाला चोरी का मास्टरमाइंड छात्र अपने दोस्तों का उधार नहीं चुका पा रहा था। उसने उसी को घर में चोरी करने भेज दिया जिसके 50 हजार रुपए उधार देने थे। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और कार के नंबर के आधार पर चोरों तक पहुंची। चोरी के समय छात्र खुद घर पर न रहकर देहरादून से दोस्तों को दिशा-निर्देश देता रहा। पुलिस ने तीनों को संरक्षण में लेकर बाल सुधार गृह पौड़ी भेजा है।

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किरायेदार ने दी थी घर के ताले टूटने की सूचना

एक महिला ने 31 अक्टूबर को थाना गोपेश्वर की पुलिस को बताया कि 27 अक्टूबर को वह अपनी बेटी से मिलने देहरादून गई थी। 30 अक्टूबर को किरायेदार ने घर के ताले टूटने की सूचना दी थी। गोपेश्वर पहुंचने पर मुख्य गेट का ताला टूटा मिला। अलमारी के लाकर से सास के जेवर गायब थे। इनकी कीमत लगभग 40 लाख रुपए है। पुलिस अधीक्षक चमोली सर्वेश पंवार ने इसे गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए और पुलिस उपाधीक्षक संजय गर्ब्याल के नेतृ़त्व में पुलिस टीम गठित की।

पुलिस ने 100 से अधिक सीसीटीवी की जांच की। कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई। इसके बाद पुलिस ने जांच के दायरे में टाटा नेक्सान वाहन को जांच के दायरे में रखा। उसके मूवमेंट और नंबर के आधार से पुलिस चोरों तक पहुंच गई। पता चला कि वाहन में घूमने वाले दो किशोर पीपलकोटी क्षेत्र के रहने वाले हैं। दोनों को संरक्षण में लेकर पूछताछ की गई तो मामले की परत खुलती गई।

दोनों ने बताया कि जिस घर में चोरी हुई है उन्हीं का बेटा इसका मास्टरमांइड है। इसके बाद पुलिस ने छात्र को भी देहरादून से चमोली लाया गया तो उसने पूरी कहानी उगल दी। पुलिस ने सभी आभूषण बरामद कर लिए हैं। चोरी में प्रयोग किए गए वाहन को भी अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल ने चोरी का पर्दाफाश करने वाली टीम को 10 हजार रुपये दिए जाने की घोषणा की है।

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ऐसे बनाई घर में सेंध लगाने की योजना

  • अपने घर में चोरी का ताना-बाना बुनने वाले छात्र के पिता की मौत हो चुकी है।
  • वह कारोबारी परिवार से जुड़ा है। जबकि दो अन्य किशोरों के पिता भी कारोबारी हैं।
  • पुलिस अधीक्षक चमोली सर्वेश पंवार के अनुसार छात्र लंबे समय से ऑनलाइन गेमिंग व ट्रेडिंग का शौकीन था। इसके लिए उसने दोस्तों से रुपये उधार लिए थे।
  • कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उसने अपने घर को निशाना बनाया।
  • उसे पता था कि 29 अक्टूबर को उसकी मां देहरादून जाने वाली है, इसलिए दोस्तों को पूरी प्लानिंग समझा दी।
  • अपना खुद ही मां से मिलने नैनीताल से देहरादून आ गया।
  • वहां से फोन पर दोस्तों से हर बात साझा करता रहा।

पर्दाफाश करने वाली टीम

थानाध्यक्ष गोपेश्वर कुलदीप रावत, उपनिरीक्षक देवेंद्र पंत, अश्वनी बलूनी, अनिल बिन्जौला, मीता गुसांई, सतेंद्र बुटोला, कांस्टेबल महेंद्र, गिरीश, विवेक, नरेश पाल, रविंद्र सचिन, कृष्णा, संजय पाल, धर्मेंद्र, एसओजी टीम के उपनिरीक्षक प्रमोद खुगशाल, कांस्टेबल अंकित पोखरियाल, आशुतोष तिवारी, राजेंद्र रावत, रविकांत, यूनुस बेग।

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