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30 विदेशी पर्यटकों ने किए भगवान आदिबदरी के दर्शन, खूबसूरती के हुए कायल

चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या सीमित रही हो लेकिन बारिश थमने के साथ फिर चारधाम की रंगत निखरने लगी है। आदिबदरी धाम में देशी-विदेशी यात्री और पर्यटकों का जमघट लगने लगा हैै।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 06 Sep 2019 02:24 PM (IST)
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30 विदेशी पर्यटकों ने किए भगवान आदिबदरी के दर्शन, खूबसूरती के हुए कायल
कर्णप्रयाग, जेएनएन। बरसात के दौरान भले ही चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या सीमित रही हो, लेकिन बारिश थमने के साथ फिर चारधाम की रंगत निखरने लगी है। खासकर पंचबदरी में प्रथम आदिबदरी धाम में देशी-विदेशी यात्री और पर्यटकों का जमघट लगने लगा है। गुरुवार को चीन, ताइपे, हांगकांग और आयरलैंड से 30 सदस्यीय पर्यटक दल आदिबदरी धाम पहुंचा है। 

दल के सदस्यों ने आदिबदरी धाम पहुंचकर पूजा और योग-ध्यान के साथ महामृत्युंजय व गायत्री मंत्र का जाप किया। दल ने मंदिर के शिल्प और इतिहास के बारे में भी जानकारी हासिल की। चीन से पहुंचे कूसू चिनयान और होहान ने बताया वह पहली बार तीर्थ दर्शनों को भारत आए हैं। लेकिन, आदिबदरी धाम में जैसी खूबसूरती और आध्यात्मिक शांति कहीं और देखने को नहीं मिली। बताया कि उन्होंने गढ़वाल राज्य की राजधानी रही एतिहासिक चांदपुरगढ़ी के बारे में भी जानकारी जुटाई। इसके अलावा वे क्षेत्र के मठ-मंदिरों और एतिहासिक स्थलों का भी अध्ययन कर रहे हैं। 

विदित हो कि बीते सप्ताह दक्षिण भारत से भी यात्रियों का 25-सदस्यीय दल आदिबदरी धाम के दर्शनों को पहुंचा था। इन यात्रियों ने विशालकाय प्रस्तरों से निर्मित मंदिर समूह के 14 मंदिरों के एतिहासिक और धार्मिक महत्व को जाना। साथ ही मंदिर के गर्भगृह में मौजूद मूर्तियों के बारे में जानकारी भी जुटाई। मंदिर के पुजारी पं. चक्रधर थपलियाल ने कहा क्षेत्र में बारहमासी पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन सरकार इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रही। ऐसे में यहां पहुंचने वाले यात्री और पर्यटकों को पार्किंग, शौचालय व रात्रि विश्राम के लिए परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। 

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