बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार व लक्ष्मी मंदिर पर आई हल्की दरारों का परीक्षण शुरू, एएसआइ टीम ने लगाए ग्लास टाइल
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय व मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने आर्किलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआइ) टीम के साथ निरीक्षण किया। टीम ने बदरीनाथ मंदिर सिंह द्वार व लक्ष्मी मंदिर की दीवारों पर आई हल्की दरारों का परीक्षण कार्य शुरू कर दिया है।
By Jagran NewsEdited By: Sumit KumarUpdated: Sun, 02 Oct 2022 10:57 PM (IST)
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: बदरीनाथ धाम मंदिर के सिंह द्वार पर आई हल्की दरारों का परीक्षण शुरू हो गया है। आर्किलाजिकल सर्वे आफ इंडिया ने मंदिर सिंह द्वार एवं लक्ष्मी मंदिर की दीवार पर दरारों व भू धंसाव परीक्षण के लिए टएल- टेल- टाइल ग्लास लगाए गए हैं।
अजेंद्र अजय के साथ टीम ने किया निरीक्षण
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय व मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने आर्किलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआइ) टीम के साथ निरीक्षण किया। टीम ने बदरीनाथ मंदिर सिंह द्वार व लक्ष्मी मंदिर की दीवारों पर आई हल्की दरारों का परीक्षण कार्य शुरू कर दिया है। प्रथम परीक्षण फेज के तहत दरारों को विशेष तरह के शीशे टएल- टेल-टाइल ग्लास की छड़ो से पैक कर दिया गया है। जिससे किसी भूगर्भीय हलचल का अंदाजा लगाया जा सके। साथ ही दरारों के आकार घटने बढ़ने का आंकलन हो सके।
दरार बढ़ी अथवा स्थिर है इसआधार होगा संरक्षण कार्य
एएसआइ के ट्रीटमेंट एक्सपर्ट टीम के नीरज मैठाणी और आशीष सेमवाल ने बताया कि इन ग्लास की कुछ समय निगरानी की जाएगी। दरार कितनी बढ़ी है अथवा स्थिर है इसके आधार पर संरक्षण कार्य किया जाएगा।श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय व मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार के साथ एएसआइ टीम, मंदिर समिति की टीम ने मंदिर सिंह द्वार, लक्ष्मी मंदिर का निरीक्षण किया उसके बाद दरारों पर ग्लास लगाए। इस मौके पर मंदिर समिति अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, अवर अभियंता गिरीश रावत, डा. हरीश गौड़, अजीत भंडारी आदि मौजूद रहे।
वन्यजीवों के महत्व के संबंध में किया जागरूक
नई टिहरी : वन विभाग व हंस फाउंडेशन की ओर से वन्य सुरक्षा सप्ताह आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान वन्यजीवों के महत्व के संबंध में जागरूक किया गया। रैली के माध्यम से छात्र-छात्राओं को पारिस्थितिकीय तंत्र में वन्यजीवों के महत्व का संदेश दिया गया। साथ ही जागरूक किया कि वनों में लगने वाली आग से वन्यजीव एवं मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है तथा किस प्रकार से मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है।वनस्पतियों और जीवों को संरक्षित करना महत्वपूर्ण
वन विभाग के कार्मिकों ने बताया कि यह सप्ताह एक प्रयास है, जो वन्यजीव संसाधनों के संरक्षण के लिए नागरिकों में जागरूकता बढ़ाता है। साथ ही हंस फाउंडेशन कार्मिकों ने कहा कि प्रकृति के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में वन्यजीव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए वनस्पतियों और जीवों को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम में रजाखेत इंटर कालेज के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
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