चमोली की प्रवेश सीमा कमेड़ा में आठ घंटे बाद खुला बदरीनाथ राजमार्ग, सैकड़ों वाहनों का लगा जमावड़ा; देखें तस्वीर
बीते दो दिनों से हो रही बारिश के चलते बदरीनाथ राजमार्ग चमोली जनपद की प्रवेश सीमा कमेड़ा-गौचर में रविवार सुबह पांच बजे से वाहनो की आवाजाही के लिए बंद रहा। जिससे सैकड़ों वाहन दोनों ओर राजमार्ग पर आठ घंटे तक मार्ग खुलने का इंतजार करते रहे। इस दौरान लगातार हो रही बारिश के बीच एनएच की जेसीबी मशीनों द्वारा मलबा हटाकर आवागमन शुरू करने का प्रयास किया
संवाद सहयाेगी, कर्णप्रयाग। Badrinath Highway: बीते दो दिनों से हो रही बारिश के चलते बदरीनाथ राजमार्ग चमोली जनपद की प्रवेश सीमा कमेड़ा-गौचर में रविवार सुबह पांच बजे से वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहा, जिससे सैकड़ों वाहन दोनों ओर राजमार्ग पर आठ घंटे तक मार्ग खुलने का इंतजार करते रहे।
मशीनों से मलबा हटाकर आवागमन कराया गया शुरू
इस दौरान लगातार हो रही बारिश के बीच एनएच की जेसीबी मशीनों द्वारा मलबा हटाकर आवागमन शुरू करने का प्रयास किया लेकिन लगातार पहाड़ी से आ रहे मलबे के कारण काम बीच में रोकना पड़ा और बारिश कम होने पर फिर से मशीनों ने मलबा हटाकर अपराह्न एक बजे आवाजाही शुरू करायी।
बदरीनाथ राजमार्ग में सौ मीटर पहाड़ी से हुआ भूस्खलन
दरअसल बीते जुलाई माह के अंतिम सप्ताह भारी बारिश के चलते बदरीनाथ राजमार्ग कमेड़ा में सौ मीटर पहाड़ी से हुए भूस्खलन के चलते क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे पांच दिनों तक आवागमन अवरुद्ध रहा था और यात्री वाहनों को वैकल्पिक रुद्रपयाग-पाेखरी मोटर मार्ग से कर्णप्रयाग होते हुए बदरीनाथ और अन्य गंतव्य स्थलों को भेजा गया लेकिन पोखरी मोटर मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन से बड़े और छोटे वाहनों का संचालन खतरे भरा रहा।
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भू-धंसाव से वाहनों का जोखिम भरा गुजरना
हालांकि एनएच द्वारा इस स्थल पर पहाड़ी साइड में कटिंग कर आवागमन सुचारु कराया लेकिन अब थोड़ी सी बारिश और पहाड़ी से भू-धंसाव होने से वाहनों का गुजरना बेहद जोखिम भरा बना है। यहां एनएच की सौ मी. दीवार टूट जाने से पहाड़ी काट वाहन गुजारे जा रहे है, जिससे भगवान भरोसे वाहनों का संचालन है।
वाहनों को राजमार्ग के खुलने का घंटों करना पड़ा इंतजार
रविवार को सुबह से ही बदरीनाथ, हेमकुंड सहित चमोली जनपद के विभिन्न स्थानों को पहुंचने वाले वाहन, परिवहन विभाग की बस सेवा राजमार्ग बंद रहने से समय से नही पहुंच पाए जबकि आवश्यक वस्तुओं के वाहनों को भी घंटों राजमार्ग खुलने का इंतजार करना पड़ा। अपराह्न एक बजे राजमार्ग आवागमन को खोला गया तब लोगों ने राहत की सांस ली।
बारिश में भी मलबा हटाने का किया जा रहा था कार्य
एनएच डीजीएम शैलेन्द्र कुमार ने बताया बारिश में भी दोनों ओर से मशीनों से कमेडा में मलबे को हटाने का काम किया जाता रहा है लेकिन पहाड़ी से लगातार भूस्खलन से मशीनों का संचालन खतने से खाली नही है ऐसे में बारिश कम होने के बाद राजमार्ग खोलने में समय लगा।
पहाड़ियों से गिरते पत्थरों में जोखिम भरा आवागमन
वहीं कर्णप्रयाग-रानीखेत राजमार्ग पर नगर क्षेत्र अंर्तगत विभिन्न स्थालों पर पहाड़ियों से गिरते पत्थरों से आवागमन जोखिम भरा बना है जबकि पाडुली, उज्जवलपुर, कालीमाटी, दिवालीखाल में भी जगह-जगह राजमार्ग पर पहाडी से गिरे मलबे से वाहनों का संचालन प्रभावित रहा इसी तरह कर्णप्रयाग-ग्वालदम राजमार्ग नारायणबगड़ के समीप भूस्खलन का दायरा बढ़ने से बड़े और छोटे वाहनों का सफर सुरक्षित नहीं है।