Badrinath Highway Update बदरीनाथ हाईवे पर चट्टवापीपल में भूस्खलन के कारण चार किलोमीटर का सफर तय करने में साढ़े पांच घंटे लग रहे हैं। मंगलवार को भी दिनभर रुक-रुककर दोनों ओर से वाहनों को निकाला गया। इसके बावजूद गौचर और कर्णप्रयाग तक दोनों ओर चार-चार किमी लंबी वाहनों की कतार लगी रही। बुधवार को भी हाईवे कई जगहों पर मलबा आने से बाधित रहा।
संवाद सहयोगी, जागरण, कर्णप्रयाग। Badrinath Highway Update: ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कर्णप्रयाग के समीप चट्टवापीपल में बना भूस्खलन जोन मंगलवार शाम मूसलधार वर्षा के कारण फिर बाधित हो गया था। जिसे बुधवार दोपहर 12 बजे यातायात के लिए सुचारू कर दिया। वहीं नंदप्रयाग में भी हाईवे बंद था, जिसे सुचारू कर दिया गया है।
दो दिन से यह भूस्खलन जोन यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। दो दिन में पांच हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोग यहां फंसे रहे।
मंगलवार को भी दिनभर रुक-रुककर दोनों ओर से वाहनों को निकाला गया। इसके बावजूद गौचर और कर्णप्रयाग तक दोनों ओर चार-चार किमी लंबी वाहनों की कतार लगी रही। लोगों को चार किमी के सफर में पांच से साढ़े पांच घंटे लग रहे हैं। वहीं बड़े वाहनों में आए यात्रियों के दल सोमवार से यहां जाम में फंसे हुए हैं। हालांकि पुलिस ने छोटे वाहनों को कर्णप्रयाग-पोखरी, खाल-सरमोला, कालेश्वर-पोखरी मोटर मार्गों से गुजारा। गौचर और कर्णप्रयाग में लंबे जाम को देखते हुए पुलिस ने देर रात गौचर आने वाले वाहनों को रुद्रप्रयाग में तथा पीपलकोटी आने वाले वाहनों को जोशीमठ में रोक दिया गया।
बीते दो दिनों वर्षा थमने के बाद कर्णप्रयाग के समीप चट्टवापीपल में मार्ग आवाजाही के लिए जानलेवा बना हुआ है। राजमार्ग पर मंगलवार अपराह्न 12 बजे यातायात सुचारू हुआ, लेकिन यहां बार-बार मलबा गिरने से ट्रैफिक रोकना पड़ा। चट्टवापीपल में पानी के साथ चाकमिट्टी दलदल की स्थिति पैदा कर रही है, जिससे छोटे और बड़े वाहनों के दलदल में फंसने का अंदेशा बना रहता है। यहां दलदल में बदल चुके 40 मीटर राजमार्ग और पहाड़ी से गिर रहे मलबे का दायरा सौ मीटर तक पहुंच गया है।
दलदल में धंसा सब्जी भरे ट्रक का हिस्सा
सोमवार सुबह कर्णप्रयाग आ रहे सब्जी भरे ट्रक का हिस्सा दलदल में धंसने से आठ घंटे आवागमन ठप रहा था। बाद में किसी तरह ट्रक को निकालकर आवागमन सुचारू किया गया, लेकिन दोनों ओर एक हजार से अधिक वाहनों के जाम में फंसने से यातायात व्यवस्था सुचारू करना पुलिस के लिए चुनौती बना रहा। मंगलवार को भी दिनभर यहीं स्थिति बनी रही। यहां दिनभर रुक-रुककर मलबा गिरता रहा। इससे राजमार्ग पर दोनों ओर वाहनों को रोकना पड़ा। इससे भूस्खलन जोन से गौचर और कर्णप्रयाग तक वाहनों की कतार लगी रही। शाम को यहां मूसलधार वर्षा होने से भूस्खलन जोन से मलबा गिरने से मार्ग फिर बाधित हो गया। इससे चट्टवापीपल से गौचर और कर्णप्रयाग तक दोनों ओर पांच-पांच सौ वाहनों की लाइन लग गई। इनमें करीब पांच हजार यात्री फंसे रहे। यहां देर रात तक राजमार्ग खोलने के प्रयास किए जा रहे थे।
वहीं देर रात तक राजमार्ग न खुलने की स्थिति में जिला प्रशासन ने यात्रियों के रहने के लिए गौचर राजकीय इंटर कालेज और कर्णप्रयाग के नगर पालिका सभागार और रैन बसेरों में रहने के लिए व्यवस्था की है। साथ ही यात्रियों के लिए खाने की भी व्यवस्था की जा रही है।
परेशान यात्रियों का कहना...
बदरीनाथ यात्रा पर जा रहे गुजरात के यात्री कैलाश और दिल्ली से विनोद कुमार ने बताया कि भूस्खलित क्षेत्र से कर्णप्रयाग तक चार किमी आने में चार घंटे लगे। ऐसे में बदरीनाथ जाने में खासा विलंब हुआ। वहीं स्थानीय निवासी भगवती प्रसाद, संजय कुमार ने कहा कि 10 किमी दूर कमेड़ा जाने के लिए दो घंटे वाहन में इंतजार करना पड़ा और बाद में पैदल ही रात में घर पहुंचे।
केरल और गुजरात से आए यात्रियों के दल में शामिल लोगों ने बताया कि वह सोमवार से यहां फंसे हुए हैं। वह बस से यहां आए हैं, इस कारण राजमार्ग खुलने पर पहले छोटे वाहनों को निकाला जा रहा है। बड़ा वाहन होने के कारण वह यहां फंसे हुए हैं। श्रीनगर से काम से कर्णप्रयाग जा रहे एक अधिवक्ता ने बताया कि वह सुबह दस बजे चट्टवापीपल पहुंच गए थे, लेकिन यहां से चार किमी दूर कर्णप्रयाग वह शाम साढ़े पांच बजे पहुंचे।
रातभर वाहनों में गुजारी रात
सोमवार को राजमार्ग खुलने के बाद भी मलबा रुक-रुककर गिरता रहा। मलबा आने पर वाहनों का आवागमन रुक-रुककर हुआ। इससे राजमार्ग पर देर शाम तक दोनों ओर वाहनों का जाम लगा रहा। शाम छह बजे स्थिति कुछ सामान्य हुई, लेकिन एक बार फिर मलबा आने से तीन सौ से अधिक वाहन दोनों ओर फंसे रहे। मार्ग खुलने का लोग रात दस बजे तक इंतजार करते रहे।रात 11 बजे तक पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर एनएच द्वारा किए जा रहे कार्य की निगरानी कर रही थी, लेकिन जब मार्ग खोला ना जा सका तो सैकड़ों लोगों ने वाहनों में ही रात बिताई। इस दौरान प्रशासन की ओर से लोगों के गौचर राजकीय इंटर कालेज और नगर पालिका सभागार में रहने के लिए व्यवस्था की गई। वहीं गौचर मैदान में लंगर लगाकर जाम में फंसे यात्रियों को भोजन-पानी उपलब्ध कराया गया।
वैकल्पिक मार्ग से निकाले छोटे वाहन
थाना प्रभारी डीएस रावत ने बताया कि सुचारू यातायात संचालन के लिए मंगलवार को सभी छोटे वाहनों को पोखरी-कर्णप्रयाग, कालेश्वर-कर्णप्रयाग, सरमोला-खाल वैकल्पिक मार्गों से गौचर और कर्णप्रयाग से डायवर्ट कर निकाला गया। साथ ही भूस्खलित क्षेत्र से भी वाहनों को निकालने के लिए एनएच ने दलदल में पत्थर बिछाने का काम शुरू किया, लेकिन पहाड़ी से मिट्टी और पत्थरों के गिरने का सिलसिला जारी रहा।
फंसे यात्रियों को पहुंचाया अस्पताल
चट्टवापीपल के पास सड़क मार्ग अवरुद्ध होने के कारण सैकड़ों यात्री फंसे रहे। इस दौरान कुछ ऐसे भी थे जो बीमार थे। ऐसे लोगों को पुलिस ने एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचाया। इसके बाद, उन यात्रियों को वहां से वाहन के माध्यम से अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की। थानाध्यक्ष डीएस रावत ने बताया कि भूस्खलित क्षेत्र चट्टवापीपल में 12 बजे आवागमन सुचारू कर दिया गया, लेकिन दिनभर गिरते पत्थरों से खतरा बना रहा।
रुद्रप्रयाग से चमोली वैकल्पिक मार्गों से भेजे जा रहे वाहन
रुद्रप्रयाग: चमोली जनपद क्षेत्रान्तर्गत बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध होने से यातायात बाधित होने की स्थिति में जनपद पुलिस चमोली जाने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भिजवा रही है। ताकि उन्हें बेवजह परेशान एवं जाम में न फंसना पड़े। गत दिनों हुई वर्षा के चलते चमोली के गौचर व कर्णप्रयाग के मध्य चट्टवापीपल के पास लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध है। इससे यातायात बाधित पूरी तरह बाधित है।
मार्ग को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। चमोली जनपद जाने वाले वाहनों को रुद्रप्रयाग पुलिस वैकल्पिक मार्गों से भेज रही है। जनपद चमोली जाने वाले छोटे वाहनों को रुद्रप्रयाग-गौचर क्षेत्रान्तर्गत से भट्टनगर-रानो-बमोथ-खाल सरमोला-कर्णप्रयाग तथा बड़े वाहन रुद्रप्रयाग-सतेराखाल-दुर्गाधार चोपता से मोहनखाल-पोखरी-कर्णप्रयाग भेजा जा रहा है। इसके अलावा वाहनों को रुद्रप्रयाग से तिलवाड़ा अगस्तमुनि-कुण्ड ऊखीमठ-चोपता-मंडल से होते हुए गोपेश्वर भेजा जा रहा है।
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