Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chamoli Disaster: पहले भी प्रकृति मचा चुकी है थराली में तबाही, इन पांच हादसों ने दिए कभी न भूलने वाले जख्‍म

    चमोली जनपद के थराली क्षेत्र में भूस्खलन और बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शुक्रवार रात आई आपदा से तहसील एसडीएम आवास और अस्पताल में मलबा भर गया है। कई मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिससे लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। थराली में पहले भी कई बार भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं जिससे क्षेत्रवासी दहशत में हैं।

    By kalika prasad sirswal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 24 Aug 2025 02:52 PM (IST)
    Hero Image
    थराली क्षेत्र में भूस्खलन और बरसाती गदेरे बन रहे आपदा का कारण। जागरण

    कालिका प्रसाद, जागरण  कर्णप्रयाग। चमोली जनपद में कर्णप्रयाग-ग्वालदम राजमार्ग पर पिंडर नदी के तट किनारे बसे थराली और राड़ीबगड़ क्षेत्र में दो दशक से भूस्खलन का सिलसिला जारी है। थराली और चेपड़ों क्षेत्र के बाजार में वर्षाकाल में गदेरे कहर बरपाते हैं। इससे क्षेत्रवासी सहमे रहते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    थराली में वर्ष 2000 में भू धंसाव की शुरुआत हुई थी। इससे बाजार को काफी नुकसान पहुंचा था। वर्ष 2013 में पिंडर नदी के कटाव ने बड़ी आबादी को प्रभावित किया था। दो साल बाद फिर से सिपाही गधेरा कहर बना और रामलीला मैदान के समीप छह वाहन मलबे में दब गए थे।

    वर्ष 2018 में केराबगड़ और 2022 की आपदा भी थराली क्षेत्र में आफत बन कर आई थी। शुक्रवार रात आई आपदा से थराली क्षेत्र का जन-जीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। तहसील, एसडीएम आवास, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मलबा भर गया है।

    थराली के कोटड़ीप, राड़ीबगड़, अपर बाजार, कुलसारी, चेपड़ों और सगवाड़ा समेत कई इलाकों में मकानों, दुकानों और वाहनों को नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन और सड़क ध्वस्त होने से पैदल आवाजाही भी मुश्किल हो गई है। क्षेत्र में संचार और थराली मुख्य बाजार में बिजली सुविधाएं भी बाधित हो गई हैं। हालात बिगड़ने पर ग्रामीणों ने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है।

    थराली में आपदा

    • वर्ष 2000 में थराली के अपर बाजर में भू धंसाव से भारी नुकसान हुआ था।
    • वर्ष 2013 में पिंडर नदी के कटाव से अपर बाजार, मस्जिद मार्केट, अनुसूचित जाति बस्ती में लगभग 200 आवासीय भवन जमीदोंज हो गए थे।
    • वर्ष 2015 में सिपाही गदेरे में आई आपदा से रामलीला मैदान के आसपास कुछ गाड़ियां मलबे में दब गईं थीं।
    • वर्ष 2018 प्रणमती गदेरे में रतगाव से ऊपर बादल फटने से केराबगड़ का बाजार और पुल बह गया था।
    • वर्ष 2022 में प्राणमती गदेरे में आए बरसाती उफान से थराली गांव में नुकसान हुआ था।