Chamoli Cloudburst: लापता बुजुर्ग को ढूंढने के लिए दिनभर चला रेस्क्यू ऑपरेशन, दो दिन स्कूलों में छुट्टी
चमोली जिले के थराली में आपदा के बाद राहत कार्य जारी है। लापता बुजुर्ग की तलाश में एसडीआरएफ एनडीआरएफ और डॉग स्क्वायड जुटे हैं। सड़कें सुचारू की जा रही हैं और प्रभावितों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है जिसमें कई घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। प्रभावितों को आर्थिक मदद और आवश्यक सामग्री पहुंचाई जा रही है।
संवाद सहयोगी,जागरण, थराली। आपदा प्रभावित क्षेत्र थराली में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। प्रशासन चेपड़ों में लापता बुजुर्ग के खोजबीन में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना के जवान सहित डॉग स्क्वायड को भी उतारा है।
आपदा से प्रभावित होने के दृष्टिगत स्कूली बच्चों की सुरक्षा देखते हुए आगामी सोमवार और मंगलवार को पिंडर वैली में देवाल, थराली व नारायणबगड़ के सभी शासकीय, अर्धशासकीय, प्राइवेट विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश रखा गया है।
प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड ने जमीन में सूंधकर कई स्थानों में मलबे के दबे होने के संकेत दिए हैं। जिस पर मलबा हटाने का कार्य जारी है । प्रशासन ने मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीन भी लगाई है।
ग्वालदम कर्णप्रयाग मोटर मार्ग धारीबैंड में बीते दिन से बंद था जो सुचारु हो गया है। इसके अलावा थराली से चेपड़ों तक भी सड़क मार्ग सुचारु हो गया है जिससे अब चेपड़ों तक संसाधनों की पहुंच आसानी से हो गई है। हालांकि अभी चेपड़ों से ग्वालदम के बीच सड़क का खुलना बाकी है। सुबह से ही आपदा प्रभावितों को राहत कैंपों में पहुंचाने का कार्य जारी था ।
प्रशासन की पहल पर कुलसारी स्थित राहत कैंप , थराली तहसील व चेपड़ों प्राथमिक विद्यालय में 105 प्रभावितों को रखा गया है। उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग सहित राजस्व टीम थराली क्षेत्र में हुए आपदा के आंकलन करने में जुटी हुई है। बताया गया कि वर्तमान समय में जो आंकडे़ सामने आए हैं। उनमें 11 भवन पूर्ण तरह क्षतिग्रस्त हैं, जबकि 52 दुकानें भी पूर्णत क्षतिग्रस्त है।
आंंशिक तिग्रस्त 25 भवन का सर्वे हो चुका है। टीम अभी आंकलन में जुटी है। सुबह से ही एसडीआरएफ ,एनडीआरएफ सेना के साथ मजदूर आपदा प्रभावित क्षेत्र थराली व चेपड़ों में मलबा हटाने में जुटी है।
बताया गया कि टुनरी गदेरे के उफान पर आने से मलबे के साथ लापता हुए चेपड़ों के बुजर्ग गंगादत्त जोशी की खोजबीन में दिनभर रेस्कयू टीम जुटी रही। डॉग् स्क्वायड द्वारा भी आपदा क्षेत्र में लापता बुजुर्ग की खोजबीन की गई। बताया गया कि डॉग स्क्वायड दिए गए संकेतों के बाद मलबा हटाने का कार्य टीम कर रही है। थराली से चेपड़ों तक सड़क मार्ग सुचारु होने से जेसीबी मशीनें भी अब मलबा हटाने में लगाई गई है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र थराली से लेकर चेपड़ों तक पांच किमी क्षेत्र में नौ किमी पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हैं। प्रशासन द्वारा पांच किमी पेयजल लाइन बिछाने के लिए सामग्री पहुंचाई जा चुकी है जबकि चार किमी क्षेत्र तक सामग्री सोमवार तक पहुंचने की उम्मीद है।
बताया गया कि पेयजल स्रोतों का मरम्मत कार्य भी चल रहा है। हालांकि इस दौरान प्रभावित प्राकृतिक स्रोतों से पानी पीने को मजबूर हैं। बताया गया कि थराली के साथ अब चेपड़ों में भी विद्युत सुविधा सुचारु कर दी गई है जिससे लोगों को राहत मिली है।
जिलाधिकारी डॉ संदीप तिवारी ने बताया कि पांच लोगों को पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन स्वामियों को पांच पाच लाख की धनराशि आर्थिक मदद के रुप में दी गई है। जबकि अन्य पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन स्वामियों को सोमवार तक राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी। कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में लगातार सर्वेक्षण का कार्य जारी है। कहा कि वर्षा आपदा प्रभावित क्षेत्र में मुश्किलें बढ़ा रही है।
कहा कि नदी नालों में कटाव होने के चलते वर्षा के दौरान मलबा बहने से दिक्कतें हो रही है लिहाजा भूस्खलन क्षेत्र के नीचे रहने वाले लोगों को राहत कैंपों में ठहरने व भोजन की व्यवस्था की गई। कहा कि आपदा प्रभावितों के लिए खाद्यान सामग्री भी वितरित की गई सोमवार को अन्य जरुरी सामग्री भी वितिरत करने का लक्ष्य रखा गया है।
मौसम विभाग द्वारा कल,आज ओरेंज अलर्ट घोषित किया है। अन्य जनपदों के साथ चमोली भी ओरेंज अलर्ट के श्रेणी में है। मौसम विभाग ने भारी वर्षा व आंधी व बिजली गिरने की संभावना भी व्यक्त की है। जिला प्रशासन ने मौसम की चेतावनी के बाद कल,आज कक्षा एक से 12 तक के विद्यालय में अवकाश घोषित किया है।
ये हैं स्थिति
- कुल पूर्णत क्षतिग्रस्त - 11
- आंशकि भवन - 25
- क्षतिग्रस्त दुकान ,भवन- 52
- पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त- नौ किमी
- मरम्मत कार्य हुआ - पांच किमी
- विद्युत सुचारु
- राहत शिविर में रह रहे प्रभावितों की संख्या - पॉलटेक्निक कालेज कुलसारी - 25 लोग
- प्राथमिक विद्यालय चेपड़ों - 50 लोग
- तहसील परिसर स्थित राहत शिविर में - 30 लोग
- पूर्णक्षतिग्रस्त भवनों के पांच स्वामियों को अनुदान बंटा - पांच पांच लाख
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