Chamoli Glacier Burst: चमोली की मलारी घाटी में एक और शव मिला, मृतकों की संख्या 12 पहुंची; छह लापता
Chamoli Glacier Burst चमोली जिले की मलारी घाटी में भारत-चीन सीमा के निकट सुुमना में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। रविवार को सेना ने बर्फ में से एक और शव निकाला। इसी के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 25 Apr 2021 11:45 PM (IST)
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली): चमोली जिले की मलारी घाटी में भारत-चीन सीमा के निकट सुुमना में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। रविवार को सेना ने बर्फ में से दो और शव निकाले। इसी के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। प्रशासन के अनुसार श्रमिकों की संख्या का अभी सही पता नहीं चल पा रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) से सूची मिलने का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि सेना ने पुलिस-प्रशासन को जानकारी दी है कि दोनों शिविर में 402 लोग थे। इनमें से 384 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसमें सात घायल भी शामिल हैं, जबकि छह अभी लापता हैं।
शुक्रवार को सुमना में आए हिमस्खलन में बीआरओ के दो शिविर तबाह हो गए थे। सेना उसी दिन से लगातार बचाव अभियान चला रही है। शनिवार रात अभियान रोक दिया गया था। रविवार सुबह जवान एक बार फिर बर्फ के ढेर में श्रमिकों की तलाश में जुट गए। दिन भर यह सिलसिला चलता रहा। लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए सेना प्रशिक्षित कुत्तों का भी सहारा ले रही है। बताया जा रहा है कि बर्फ इतनी ज्यादा है कि जवानों को खोजबीन के कार्य में दिक्कत आ रही है। इस बीच 11 शवों को हेलीकॉप्टर से जोशीमठ लाया गया। पोस्टमार्टम के बाद सभी शव बीआरओ को सौंप दिए गए। हालांकि एक शव देर रात बरामद हुआ, जिसे सोमवार को जोशीमठ लाया जाएगा। चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत ङ्क्षसह चौहान ने बताया कि श्रमिकों की सही संख्या बीआरओ से सूची मिलने के बाद ही पता चलेगी।
यातायात सुचारु करने में लग सकते हैं दो दिन
जोशीमठ से 65 किलोमीटर दूर मलारी से आगे जगह-जगह हिमखंड आने से मार्ग बंद है। बीआरओ की शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता पुनीत जैन ने कहा कि सड़क खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुमना तक सड़क खोलने के लिए दो दिन और लग सकते हैं। तीसरे दिन सुमना पहुंची बीआरओ की राहत टीम
शुक्रवार रात बीआरओ कमांडर मनीष कपिल के नेतृत्व में रवाना हुई राहत टीम रविवार सुबह सुमना पहुंच पाई। मलारी से आगे मार्ग बंद होने के कारण टीम को पैदल ही आगे बढऩा पड़ा। सुमना मलारी से 26 किलोमीटर की दूरी पर है। दूसरी ओर जोशीमठ से गई राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की तीन टीमें भी मलारी के पास ही पहुंच पाई हैं। ये टीम पैदल ही घटनास्थल की ओर बढ़ रही हैं।सुमना में लैंड नहीं कर पाया हेलीकाप्टर
घटना स्थल का जायजा लेने जा रहे अधिकारियों का हेलीकाप्टर सुमना में लैंड नहीं कर पाया। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि तेज हवा के कारण यह संभव नहीं हो पाया। हेलीकाप्टर में डीएम के साथ पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) डा.वी मुरुगेशन, पुलिस अधीक्षक यशवंत ङ्क्षसह चौहान थे।यह भी पढ़ें- Chamoli Glacier Burst: चमोली में हिमखंड टूटने से चपेट में आया BRO कैंप, दस की मौत; देखें वीडियोUttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें
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