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    Chamoli Cloudburst: सतर्कता से टला हादसा, सैलाब आता देख लोगों ने सीटी, आवाज और टार्च की रोशनी से किया इशारा

    चमोली जिले के थराली में आपदा के दौरान ग्रामीणों की सजगता और सामूहिक प्रयास से बड़ी मदद मिली। भारी बारिश और अंधेरी रात में मोबाइल फोन से एक दूसरे को सूचित कर सतर्क किया गया। टूनरी गांव में बादल फटने से मलबा आने पर कुलदीप सिंह ने ग्रामीणों को सचेत किया। थराली में भूस्खलन से गंगा सिंह बिष्ट और प्रेम बुटोला ने लोगों को सुरक्षित निकाला।

    By Devendra rawat Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 24 Aug 2025 02:24 PM (IST)
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    संकट के समय सामूहिक सजगता और सतर्कता काम आई। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, थराली (चमोली)। गांवों की यही खूबसूरती है कि संकट को सामूहिक प्रयासों से दूर किया जाता है। थराली में आई आपदा के दौरान भी ग्रामीणों ने एक दूसरे को बचाने के लिए सजगता दिखाई और समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए। अंधेरी रात और भारी वर्षा के बीच मोबाइल मदद का सबसे बड़ा जरिया बना। एक दूसरे को फोन कर, सीटी, आवाज और टार्च की रोशनी से सतर्क किया गया।

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    टूनरी गांव के पास बहने वाले गदरे में रात में बादल फटने के बाद मलबे और पत्थरों का बहाव शुरू हुआ। आवाज सुनकर टूनरी गांव के कुलदीप सिंह ने तुरंत चेपड़ों सहित गदरे के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को फोन कर इसकी सूचना दी। कुलदीप ने गांव के अन्य लोगों को भी जगाकर टार्च की रोशनी में तीन किलोमीटर नीचे के गांवों में संकेत दिया।

    गांव के लोगों ने हल्ला किया, जिससे चेपडों गांव के लोग समझ गए कि कोई बड़ी आफत सामने आ रही है। चेपड़ों गांव के विकास जोशी ने बताया कि भारी वर्षा और नाले में तेज गर्जना से लोग भयभीत थे। फिर भी सभी को सचेत करने का प्रयास किया।

    थराली में बालिका इंटर कालेज के पास और विकासखंड कार्यालय के निकट भारी भूस्खलन हुआ, जिससे मलबा घरों और दुकानों में घुस गया। स्थानीय लोग सजग हो गए और चिकित्सालय के पास रहने वाले गंगा सिंह बिष्ट ने भूस्खलन का मलबा देखकर लोगों को आवाज लगाकर जगाया।

    थराली के प्रेम बुटोला ने आस-पड़ोस के लोगों को जगाकर सुरक्षित निकालने का कार्य किया। थराली क्षेत्र में रात साढ़े दस बजे से विद्युत सेवा भी बाधित थी। शाम साढ़े सात बजे से लगातार वर्षा जारी रही। थराली के उपजिलाधिकारी पंकज भट्ट और तहसील कर्मी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के प्रयास में जुटे रहे।

    रातभर ग्रामीण क्षेत्रों में अफरा-तफरी का माहौल था। लोग भारी वर्षा के बीच सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए मजबूर थे, लेकिन सुरक्षित स्थान की तलाश में सभी परेशान थे। चारों ओर पानी और मलबा बह रहा था, और लोग सुबह होने का इंतजार कर रहे थे।