Chardham Yatra 2023: यात्रा से जोशीमठ के व्यवसायियों को बड़ी उम्मीद, होटलों व होम स्टे में अब तक आई 20% बुकिंग
Chardham Yatra 2023 यात्रा से जोशीमठ के होटल व्यवसायियों को बड़ी उम्मीद। होटलों व होम स्टे में आने लगी मई-जून के लिए बुकिंग अब तक आ चुकी 20 प्रतिशत बुकिंग। अधिकतर होटलों में चल रहे राहत शिविर खाली कक्षों की बुकिंग ही ले पा रहे होटल व होम स्टे स्वामी।
By Devendra rawatEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sun, 02 Apr 2023 09:37 AM (IST)
देवेंद्र रावत, गोपेश्वर: Chardham Yatra 2023: आपदा प्रभावित जोशीमठ के होटल व अन्य व्यवसायियों को चारधाम यात्रा से खासी उम्मीद हैं। होटलों में मई-जून के लिए अग्रिम बुकिंग आने लगी है। अब तक लगभग 20 प्रतिशत बुकिंग आ चुकी है और आने वाले दिनों में इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद है।
जोशीमठ को बदरीनाथ यात्रा का प्रमुख पड़ाव माना जाता है। यहीं से हेमकुंड साहिब, विश्व धरोहर फूलों की घाटी, विश्व प्रसिद्ध स्कीइंग स्थल औली व भविष्य बदरी धाम जाने की राह भी खुलती है। लेकिन, आपदा के बाद से यहां आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप हो गई थीं।
लेकिन, अब बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि नजदीक आने से यहां फिर रौनक लौटने लगी है। बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाने हैं, जबकि हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की तिथि अभी घोषित नहीं हुई।
जनवरी की शुरुआत में होटल, रिहायशी भवन और जमीन में दरारें आने के कारण पूरा जोशीमठ शहर आपदा की जद में आ गया था। इसका सबसे ज्यादा असर होटल व्यवसायियों पर पड़ा। असुरक्षित होने के कारण दो होटल ढहा दिए गए, जबकि कुछ को खाली करा दिया गया।
कारोबारियों को भी काफी आर्थिक नुकसान हुआ
व्यापारिक गतिविधियां ठप पड़ने से अन्य कारोबारियों को भी काफी आर्थिक नुकसान हुआ। हालांकि, सुकून इस बात का है कि शहर के अधिकतर होटल व होम स्टे सुरक्षित हैं। आपदा के बाद इन होटल व होम स्टे में बने राहत शिवरों में उन परिवारों को ठहराया गया है, जिनके मकान दरारें आने के बाद असुरक्षित घोषित कर दिए गए थे।इन दिनों प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि का वितरण किया जा रहा है, लेकिन अभी उन्हें होटल व होम स्टे से अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया गया। उधर, व्यवसायियों के साथ हुई बैठक के बाद प्रशासन ने सुरक्षित होटलों में यात्रा के लिए अग्रिम बुकिंग लेने की सहमति दे दी थी। सो, होटल व्यवसायी इन दिनों खाली कक्षों की बुकिंग ले रहे हैं।
विदित हो कि पर्यटन स्थल औली का बेस कैंप और बदरीनाथ धाम का शीतकालीन गद्दीस्थल होने के कारण शीतकाल में भी जोशीमठ पर्यटक व तीर्थ यात्रियों से गुलजार रहता है। लेकिन, आपदा के चलते इस बार शीतकाल में यहां सन्नाटा पसरा रहा। अब जबकि बदरीनाथ यात्रा शुरू होने में महज 25 दिन शेष रह गए हैं, तो व्यवसायियों की उम्मीदें भी बलवती होने लगी हैं।
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जोशीमठ स्थिल होटल शैलजा के स्वामी राकेश रंजन भिलंगवाल कहते हैं कि उनके होटल में आपदा के बाद से ही राहत शिविर चल रहा है। ऐसे में वह सिर्फ उन्हीं कक्षों की अग्रिम बुकिंग ले रहे हैं, जो खाली पड़े हैं। होटल सफायर के स्वामी मुकेश लाल कहते हैं कि उनके होटल के 15 कक्षों में राहत शिविर बना है, जबकि खाली 15 कक्षों में यात्री व पर्यटक ठहर रहे हैं। यात्रा के लिए इन्हीं कक्षों की बुकिंग ली जा रही है। आपदा प्रभावित कब तक होटल में रहेंगे, यह निश्चित नहीं है।उन्होंने बताया कि बीते वर्षों में यात्रा की तिथि तय होने के बाद मई-जून के लिए 70 से 80 प्रतिशत अग्रिम बुकिंग आ जाती थी, लेकिन इस बार अभी यह 20 प्रतिशत के आसपास है। होम स्टे अलकनंदा के स्वामी कुलदीप भंडारी के होम स्टे में छह कक्ष हैं, जिनमें से तीन में आपदा प्रभावित रहे हैं। भंडारी ने बताया कि शेष तीन कमरों की मई तक के लिए 30 प्रतिशत अग्रिम बुकिंग मिल चुकी है। कमोबेश यही स्थित अन्य होटल व होम स्टे की भी है।जोशीमठ में होटल-होम स्टे पर एक नजर
- कुल होटल व होम स्टे, 200
- क्षमता, 20 हजार से अधिक
- कुल आपदा प्रभावित, 181 परिवारों के 694 सदस्य
- कुल राहत कैंप, 40
- होटल-होम स्टे में चल रहे राहत शिविर, 38