ब्रिटिश काल से बंद था ये ट्रैक, अब फिर से रोमांच शुरू
ब्रिटिश काल से बंद गुप्तखाल ट्रैक पर एकबार फिर से ट्रैकिंग शुरू हो रही है। इसके लिए नौ सदस्यीय एक दल को रवाना किया गया है।
By Edited By: Updated: Mon, 17 Sep 2018 05:29 PM (IST)
जोशीमठ, [जेएनएन]: ब्रिटिशकाल से बंद पड़े रहस्य-रोमांच से भरपूर गुप्तखाल-जुड़वा पास ट्रैक फतह करने के लिये नौ सदस्यीय भारतीय पर्वतारोही दल रविवार को फूलों की घाटी के लिए रवाना हुआ। जोशीमठ टूर ऑपरेटर एडवेंचर ट्रैकिंग के सहयोग से रवाना हुए उत्तरकाशी क्रिस्टल एडवेंचर के नौ ट्रैकर्स और 17 सहायकों को गांधी मैदान से एडवेंचर एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक पंवार व सचिव संतोष सिंह ने झंडी दिखाकर रवाना किया।
गुप्तखाल नाम के इस ट्रैक को पहली बार ब्रिटिश शासनकाल में एक यूरोपीय ट्रैकिंग दल ने फतह किया था। तब से लेकर आज तक 5760 मीटर ऊंचे इस ट्रैक को फतह करने के प्रयास नहीं हुए। फूलों की घाटी, टिपरा, भ्यूंडार खाल, रतवन बेस व बाणकुंड से होकर गुजरने वाले रहस्यमयी गुप्तखाल पास को पार कर मूसापानी माणा पहुंचा जाता है। यह करीब सौ किमी का एडवेंचर ट्रैक है, जिस पार करने में 10 से 11 दिन का समय लगता है। उपजिलाधिकारी जोशीमठ योगेंद्र सिंह ने बताया कि नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन से परमिट मिलने के बाद ही तहसील प्रशासन ने ट्रैकिंग दल को इनर लाइन में प्रवेश की अनुमति प्रदान की।
बताया कि बुग्याल का निर्धारण वन विभाग को करना है। इनर लाइन की अनुमति दिखाकर ही ट्रैकिंग दल को सीमा क्षेत्र में सेना चौकियों से होकर गुजरने दिया जाता है। उधर, एडवेंचर ट्रैकिंग जोशीमठ के प्रबंधक संजय कुंवर ने बताया कि नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन से सात सितंबर को गुप्तखाल ट्रैक पर जाने की अनुमति का परमिट लिया गया। इसके लिए वन विभाग की ओर से निर्धारित शुल्क भी जमा करा दिया गया है। साथ ही वन विभाग को शपथ पत्र दिया गया है कि अभियान के दौरान ट्रैकिंग दल बुग्यालों में विश्राम नहीं करेगा। विदित हो कि नैनीताल हाई कोर्ट की ओर से ट्रैकिंग के दौरान बुग्यालों (मखमली घास के मैदान) में रात्रि विश्राम पर रोक लगाई गई है।
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