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Auli: औली में बर्फ पिघलने के साथ पर्यटकों में मायूसी, पर्यटन कारोबार पर भी भारी असर; रोपवे के बंद होने से भी निराशा

Auli बीते साल 13 दिसंबर को औली से जोशीमठ तक भारी बर्फबारी हुई थी जिसके चलते पर्यटकों ने औली की ओर रुख किया था। नववर्ष में तो औली में पर्यटकों की भारी भीड़ थी तब औली में आठ से 10 नंबर टावर के बीच बर्फ मौजूद थी लेकिन इस वर्ष बर्फबारी न होने से औली में मौजूद बर्फ पिद्यल गई है।

By Devendra rawat Edited By: riya.pandey Updated: Fri, 05 Jan 2024 04:40 PM (IST)
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औली में बर्फ पिघलने के साथ पर्यटकों में मायूसी

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। Auli: औली में बर्फ की कमी पर्यटन कारोबार पर भारी पड़ रही है। औली में जमी बर्फ पूरी तरह से पिद्यल गई है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों के हाथ मायूसी लग रही है। हालांकि गौरसों के जंगलों में अभी खेलने के लिए बर्फ मौजूद है।

बीते साल 13 दिसंबर को औली से जोशीमठ तक भारी बर्फबारी हुई थी जिसके चलते पर्यटकों ने औली की ओर रुख किया था। नववर्ष में तो औली में पर्यटकों की भारी भीड़ थी तब औली में आठ से 10 नंबर टावर के बीच बर्फ मौजूद थी लेकिन इस वर्ष बर्फबारी न होने से औली में मौजूद बर्फ पिद्यल गई है।

स्थिति यह है कि बर्फ का दीदार करने पहुंचे पर्यटक ऊंची चोटियों में जमी बर्फ देखकर संतुष्ट रहना पड़ रहा है। अभी तक इस पर्यटन सीजन में 40 हजार से अधिक पर्यटक औली आ चुके हैं। औली में बर्फबारी पर्यटन के लिहाज से नहीं बल्कि शीतकालीन खेलों के लिहाज से आवश्यक है।

औली में आयोजित होंगे इंटरनेशनल व नेशनल शीतकालीन गेम्स 

इस वर्ष औली में इंटरनेशनल व नेशनल शीतकालीन गेम्स आयोजित होने हैं। बर्फ पर ही इन खेलों की आयोजन की तिथि तय होनी है। हालांकि भविष्य में बर्फबारी की संभावनाएं हैं।

पर्यटक औली में बर्फ को लेकर जानकारी ले रहे हैं। बर्फ न होने की दशा में वे अपना कार्यक्रम आगे बढ़ा रहे हैं। इन दिनों विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश है ऐसे में लोग पर्यटन व तीर्थाटनों में घूमने का कार्यक्रम बनाते हैं लेकिन औली में बर्फ न होने से बर्फ के दीवाने फिलहाल कम ही आ रहे हैं।

औली में चार जनवरी तक पर्यटकों का सिलसिला था जारी

बताया कि इन दिनों पर्यटकों की संख्या प्रतिदिन 200 से कम है। बीते दो सालों में पर्यटकों की संख्या में नजर डाली जाए तो औली में वर्ष 2021-22 में 30 हजार से अधिक व वर्ष 2022 -23 में 45 हजार से अधिक पर्यटकों ने औली का दीदार किया था। हालांकि चार जनवरी तक औली में पर्यटकों का सिलसिला जारी था जिसके बाद जोशीमठ में भूधंसाव के चलते पर्यटकों की आवाजाही भी ठप हो गई थी।

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रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना है कि औली रोपवे पर भूगभीर्य सर्वे के बाद संचालन का निर्णय लिया जाएगा। औली में बर्फ की कमी से पर्यटक गौरसों जा रहे हैं जहां अभी बर्फ मौजूद है।

रोपवे से भी मायूसी

जोशीमठ से औली का सफर रोपवे से भी होता है पिछले साल पांच जनवरी से भूधंसाव के चलते बंद हैं। जिसे अभी तक नहीं खोला गया है। फिलहाल रोपवे के संचालन की उम्मीद जल्द नहीं है क्योंकि जियो सर्वे के बाद जोशीमठ नगर की स्थिति का अवलोकन होना है साथ ही रोपवे के संचालन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।

पर्यटकों के लिए औली रोपवे एक आर्कषण का केंद्र था लेकिन इस बार रोपवे के बंद होने से पर्यटकों के हाथ मायूसी ही लगी है। हालांकि चियर लिफ्ट से औली में आवाजाही कर पर्यटक खासे खुश हो रहे हैं।

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