बदरीश पंचायत के साथ प्रदेश के सबसे ऊंचे मंदिर में विराजेंगे भगवान नृसिंह
18 अप्रैल को बदरीश पंचायत सहित अन्य देवी-देवताओं के साथ भगवान नृसिंह जोशीमठ स्थित प्रदेश के सबसे ऊंचे नवनिर्मित मंदिर मे विराजमान होंगे।
जोशीमठ, चमोली [जेएनएन]: जोशीमठ में भगवान नृसिंह का नया मंदिर बनकर तैयार हो गया है। 18 अप्रैल को बदरीश पंचायत सहित अन्य देवी-देवताओं के साथ भगवान नृसिंह इस मंदिर मे विराजमान होंगे। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इसके लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं।
वर्ष 2012 में वसंत पंचमी के दिन जोशीमठ में भगवान सिंह के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। पहले गाजियाबाद की निर्माण एजेंसी को इस मंदिर के नवनिर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई। मगर, निर्माण एजेंसी की लेटलतीफी के चलते बाद में मंदिर समिति ने अपनी अलग निर्माण इकाई बनाकर यह कार्य स्वयं शुरू कर दिया।
अब नया मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। हिमाद्रि शैली मे बने इस मंदिर के पत्थरों पर शानदार नक्काशी की गई है। लगभग सात करोड़ अनुमानित लागत वाले इस मंदिर को बनाने में मंदिर समिति के 4.5 करोड़ रुपये खर्च हुए।
उत्तराखंड में तीसरा सबसे ऊंचा मंदिर
नवनिर्मित नृसिंह मंदिर उत्तराखंड का तीसरा सबसे ऊंचा मंदिर है। इसकी ऊंचाई 68 फीट है। पहले स्थान पर 72 फीट ऊंचा केदारनाथ मंदिर है, जबकि दूसरा स्थान गोपेश्वर स्थित 71 फीट ऊंचे गोपनाथ मंदिर का है।
यह है मान्यता
मान्यता है कि भगवान नृसिंह की बायीं भुजा की कलाई धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। जिस दिन कलाई टूटकर अलग हो जाएगी, उस दिन विष्णुप्रयाग के पास पटमिला में जय-विजय पर्वत आपस में मिल जाएंगे। तब भगवान बदरी विशाल भविष्य बदरी में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। यह भी मान्यता है कि जोशीमठ में भगवान नृसिंह के दर्शनों के बाद ही बदरीनाथ यात्रा की पूर्णता होती है।
प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
16 अप्रैल: गणेश पूजन व पंचांग पूजन।
17 अप्रैल: हवन व शुद्धिकरण कार्यक्रम।
18 अप्रैल: दोपहर को भगवान नृसिंह नए मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे।
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