चमोली में आतंक का पर्याय बने तेंदुए को किया ढेर
जिले के नारायणबगड़ में आखिरकार गैरबारम क्षेत्र में दहशत का पर्यायवाची बने गुलदार को शिकारी ने गोली मारकर ग्रामीणों को आतंक से निजात दिलाई।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 11 Jul 2020 11:43 AM (IST)
चमोली, जेएनएन। चमोली जिले के नारायणबगड़ में आखिरकार गैरबारम क्षेत्र में दहशत का पर्यायवाची बने गुलदार (तेंदुए) को शिकारी ने गोली मारकर ग्रामीणों को आतंक से निजात दिलाई। गौरतलब है कि नारायणबगड़ के गैरबारम, मलतुरा में दो बच्चों को निवाला बनाया था। बदरीनाथ वन प्रभाग ने शिकारी लखपत शिकारी, जॉय हुकील के साथ आए शिकारी दल गुलदार को मारने के लिए जंगल में डेरा डाले थे। बताया गया कि शाम लगभग 7:10 बजे पौड़ी के शिकारी जॉय हुकील ने गैरबारम के जंगलों में गुलदार को मार गिराया ।
शोपीस बनी सुरक्षा दीवार, आबादी में हाथियों का आतंकवन विभाग के लाख दावों के बाद भी आबादी क्षेत्र में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। हालत यह है कि जंगल के आसपास बनाई गई सुरक्षा दीवार व सोलर फेंसिग लाइन केवल शोपीस बनकर रह गई है। नतीजा आए दिन हाथियों के झुंड आबादी क्षेत्र में घुसकर उत्पात मचा रहे हैं। शिकायत के बाद भी वन महकमा इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। सुरक्षा दीवार की ऊंचाई कम होने की वजह से हाथी आसानी से सुरक्षा दीवार पार कर आबादी क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। हाथियों ने सोलर फेंसिग को भी जगह-जगह से तोड़ दिया है।
वर्ष 2014 में वन विभाग ने सनेह क्षेत्र के रामपुर व झंडीचौड़ क्षेत्र में हाथियों की आमद रोकने के लिए सुरक्षा दीवार का निर्माण कराया गया था। वर्ष 2017 में सुरक्षा दीवार से वंचित क्षेत्रों में सोलर फेंसिग भी लगाई गई थी। संभावना जताई जा रही थी कि सुरक्षा दीवार बनने के बाद हाथी आबादी क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। रामपुर निवासी मोहन सिंह रावत, संतोष नेगी ने बताया कि सनेह व भाबर क्षेत्र की अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर है। आबादी में हाथियों की धमक से काश्तकारों का खेती करना भी मुश्किल हो गया हे। इस संबंध में कई बार वन विभाग व प्रशासन को अवगत करवा चुके हैं। हालत यह है कई स्थानों पर हाथी सुरक्षा दीवार भी क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है, लेकिन आज तक विभाग ने इसकी मरम्मत करवाने की सुध नहीं ली।
कुंभीचौड़ में घुसा हाथियों का झुंड बुधवार देर शाम कुंभीचौड़ क्षेत्र में हाथियों का झुंड आबादी क्षेत्र में घुस गया। झुंड में करीब आठ से दस हाथी मौजूद थे। कुछ हाथी कुंभीचौड़ क्षेत्र की सड़क के बीच में खड़े हो गए, जिससे काफी देर तक सड़क पर जाम की स्थिति बनी रही। पूर्व ग्राम प्रधान दीपक पांडेय ने बताया कि जैसे ही लोगों को आबादी क्षेत्र में हाथियों के घुसने की सूचना मिली उन्होंने बर्तन बजाकर उन्हें वापस जंगल में खदेड़ा।
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