पत्नी को बचाने के लिए भालू से भिड़ा पति, चली गई जान, महिला का हालत गंभीर
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक हृदयविदारक घटना हुई। एक पति ने अपनी पत्नी को भालू के हमले से बचाने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। तेंदू पत्ता तोड़ने गए दम्पति पर भालू ने हमला कर दिया। पति ने पत्नी को बचाने के लिए भालू से संघर्ष किया, जिसमें उसकी जान चली गई। पत्नी गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में भर्ती है।

जागरण संवाददाता, गोपेश्वर। चमोली जिले के ज्योतिर्मठ ब्लाक स्थित डुमक गांव में जंगल में घास लेने गई महिला को भालू से बचाने के प्रयास में पति की जान चली गई। भालू ने पति को बुरी तरह नोच डाला। पत्नी भी गंभीर घायल हुई, उसे हेलीकाप्टर से एम्स ऋषिकेश उपचार भेजा गया है।
दूरस्थ गांव डुमक निवासी सुंदर सिंह सनवाल (38) और उनकी पत्नी लीला देवी गुरुवार सुबह करीब सात बजे जांखी तोक के जंगल में घास लेने गए थे। इस दौरान झाड़ियों में छिपे एक भालू ने लीला पर हमला कर दिया। भालू के साथ दो शिशु भी थे। लीला की चीख सुनकर सुंदर उन्हें बचाने के लिए भालू से भिड़ गए।
जंगल के निकट स्थित खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने यह देखा तो मौके पर पहुंचे और हल्ला कर भालू को भगाया। तब तक भालू सुंदर के सिर और गर्दन पर पंजे मारकर उनको गंभीर घायल कर चुका था। भालू के हमले से वह खाई में गिर गए। लीला को भी भालू के हमले से हाथ, पीठ और कंधे पर गंभीर चोटें आईं। घायल दंपती को ग्रामीण किसी तरह गांव ले गए, लेकिन तब तक सुंदर ने दम तोड़ दिया।
सात किमी दूर है सड़क
डुमक गांव से सड़क की दूरी सात किमी है और यहां चिकित्सा सुविधाएं भी सीमित हैं। ऐसे में लीला को शीघ्र उपचार दिलाने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद उन्हें हेलीकाप्टर से एम्स भेजा गया। जिला प्रशासन के निर्देश पर सुंदर के शव का पोस्टमार्टम गांव में ही किया गया।
वन विभाग की टीम तैनात
भालू के हमले से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को पहले ही भालू की गतिविधियों की सूचना दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। घटना के बाद गश्त के लिए वन कर्मियों की एक टीम गांव में तैनात की गई है। मृतक के परिवार को वन विभाग की ओर से ढाई लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।
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