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Joshimath News: मानसून ने बढ़ाई चिंता, आपदा प्रभावितों का जोशीमठ तहसील में धरना आज; रखीं 11 मांगें

Joshimath News आपदा प्रभावित जोशीमठ की जनता की मानसून में चिंताएं बढ़ा दी है। वर्षा के दौरान खतरे से आशंकित लोग रातजगा कर रहे हैं। आपदा प्रभावितों को मुआवजे पुर्नवास सहित अन्य मांगों को लेकर जोशीमठ तहसील में एक दिवसीय धरना देकर शासन व सरकार को चेताया कि अगर उन्हें जल्द ही न्याय न मिला तो दोबारा आंदोलन की राह पर चलेंगे।

By Devendra rawatEdited By: Nirmala BohraUpdated: Mon, 03 Jul 2023 12:10 PM (IST)
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Joshimath News: आपदा प्रभावित जोशीमठ की जनता की मानसून में चिंताएं बढ़ा दी है।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: Joshimath News: आपदा प्रभावित जोशीमठ की जनता की मानसून में चिंताएं बढ़ा दी है। वर्षा के दौरान खतरे से आशंकित लोग रातजगा कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा अभी भी राहत कैंपों का संचालन किया जा रहा है। लेकिन इन शिविरों में वर्तमान समय में मात्र कुछ परिवार ही बचे हुए हैं।

आपदा प्रभावितों को मुआवजे, पुर्नवास सहित अन्य मांगों को लेकर जोशीमठ तहसील में एक दिवसीय धरना देकर शासन व सरकार को चेताया कि अगर उन्हें जल्द ही न्याय न मिला तो दोबारा आंदोलन की राह पर चलेंगे।

जनवरी माह में आपदा के चलते जोशीमठ नगर में भारी तबाही हुई थी। तब विशेषज्ञों ने 868 घरों में दरारों के चलते चिन्हित किया गया । 278 परिवारों को आपदा प्रभावित राहत शिविरों में भेजा गया । लेकिन आपदा प्रभावित शिविरों में रह रहे प्रभावितों का कहना है कि उन्हें शिविर में रखकर सरकार भूल गई है। लिहाजा कई परिवार शिविर छोड़ कर किराए के मकानों पर या फिर रिश्तेदारों, टूटे घरों पर वापस लौट गए हैं। सरकार की उदासीनता पर आपदा प्रभावितों ने सोमवार को तहसील परिसर में एक दिवसीय धरना देकर विरोध दर्ज किया। प्रभावितों का कहना है कि सरकार ने किराया दिए जाने की बात भी कही थी लेकिन प्रभावितों को तीन माह से किराया भी नहीं मिला है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि तहसील में एक दिवसीय धरना देकर प्रशासन व सरकार को 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्रवाई के लिए कहा गया है अगर जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आएंगे तो आपदा प्रभावित फिर से बाध्य होंगे।

ये हैं मांग पत्र

- संपूर्ण जोशीमठ नगर क्षेत्र को आपदा प्रभावित घोषित किया जाए , व्यापारियों , दैनिक मजदूरों, पर्यटन पर निर्भर लोगों, को हुए नुकसान का उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।

- जोशीमठ में विस्थापन एवम पुनर्वास हेतु एक स्थाई कार्यालय शीघ्र प्रारंभ किया जाए।

- सरकार द्वारा अभी दिये जा रहे भवनों के मुआवजा देने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए।

-स्थानीय निवासियों की सेना में गयी भूमि का भुगतान करवाया जाय, जिससे इस आपदा काल में लोगों को आर्थिक सहायता हो सके

-जोशीमठ की आपदा के संदर्भ में देश की शीर्ष आठ संस्थाओं ने सर्वेक्षण ,अध्ययन किया गया है। उनके अध्ययन की रिपोर्ट को शीघ्र सार्वजनिक किया जाए

- सरकार द्वारा घोषित मुआवजा नीति में होम स्टे को व्यावसायिक श्रेणी से हटाया जाय ।

- जोशीमठ के स्थाईकरण एवम नव निर्माण के कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए कमेटी बने, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति इस कमेटी में शामिल की जाए।

- जोशीमठ में बहुत सी बेनामी भूमि पर लोग काबिज हैं। जिससे इस आपदा काल में लोगों के सामने भूमिहीन होने का संकट खड़ा हो गया है। स्थानीय स्तर पर भू-बन्दोबती कर लोगों के खातों में भूमि दर्ज की जाए।

- बेघर हुए प्रभावितों की स्थाई विस्थापन पुनर्वास की व्यवस्था न होने तक वैकल्पिक व्यवस्था कम से कम साल भर की जाए

- तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना की निर्मात्री एंटीपीसी कंपनी के साथ हुए 2010 के समझौते को

किया जाय।

- तपोवन विष्णुगाड़ परियोजना एवम हेलंग मारवाड़ी बाईपास पर स्थाई रोक लगे।

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