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Joshimath Sinking: निर्माण कार्यों पर लगी रोक, प्रभावितों के लिए NTPC और HCC बनाएंगी प्री-फैब्रिकेटेड हट

Joshimath Sinking नागरिकों के सड़कों पर उतरने के बाद जिला प्रशासन ने क्षेत्र में चल रहे सभी निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। सुरक्षा की दृष्टि से औली-जोशीमठ रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 06 Jan 2023 07:32 AM (IST)
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Joshimath Sinking: क्षेत्र में चल रहे सभी निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

संवाद सूत्र, जोशीमठ(चमोली): Joshimath Sinking: चीन सीमा से सटे चमोली जिले के जोशीमठ शहर में लगातार हो रहे भूधंसाव से भयभीत नागरिकों के सड़कों पर उतरने के बाद जिला प्रशासन ने क्षेत्र में चल रहे सभी निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

औली-जोशीमठ रोपवे का संचालन भी रुका

इनमें हेलंग-मारवाड़ी बाईपास और 520 मेगावाट की तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना भी शामिल है। सुरक्षा की दृष्टि से औली-जोशीमठ रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है। रोपवे के पिलरों के पास भी भूंधसाव हो रहा है।

प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के पुर्नवास के लिए सुरक्षित स्थानों पर एनटीपीसी और एचसीसी कंपनी को चार हजार प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाने का जिम्मा सौंपा है। भूंधसाव के चलते जोशीमठ शहर से अब तक 107 परिवार शिफ्ट हो चुके हैं। इनमें 47 परिवारों को प्रशासन ने नौ राहत शिविरों में रखा है। कुछ परिवार खुद ही अन्य स्थानों पर चले गए हैं।

इस बीच देहरादून से चला विशेषज्ञों का दल प्रभावित क्षेत्रों के अध्ययन के लिए जोशीमठ पहुंच गया। सचिव आपदा प्रबंधन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि दल ने मुख्य बाजार और विष्णुगाड़ परियोजना की टनल का निरीक्षण कर लिया है। इससे पहले मंडलायुक्त सुशील कुमार ने भी क्षेत्र का दौरा किया। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचकर हालात का जायजा लेंगे।

1970 से हो रहा है भूधंसाव

जोशीमठ में वर्ष 1970 से हल्का भूधंसाव हो रहा है। वर्ष 2021 से यहां भूधंसाव का सिलसिला तेज हो गया है। इसके फौरी और दीर्घकालिक समाधान के लिए पिछले वर्ष जुलाई में सरकार ने विशेषज्ञ दल गठित किया था।

इस दल ने अगस्त में जोशीमठ का सर्वेक्षण करने के बाद सितंबर में रिपोर्ट सौंपी थी। हालांकि, इसके बाद भूधंसाव के उपचार के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। इस बीच क्षेत्र में लगभग 800 भवनों समेत अन्य स्थानों पर दरारें आने से लोग भयभीत हैं।

भवनों में नई दरारें पड़ने के साथ पहले से पड़ी दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही हैं। जमीन भी जगह-जगह फट रही है। क्षेत्रवासी शासन-प्रशासन पर इस समस्या के समाधान के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाकर आंदोलनरत हैं।

गुरुवार सुबह आठ बजे बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मुख्य बाजार में एकत्र हुए और उन्होंने आने-जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए। कुछ प्रदर्शनकारी बदरीनाथ हाईवे और औली जाने वाली सड़क के बीचोंबीच बैठ गए। कुछ देर बाद व्यापारी भी अपने प्रतिष्ठान बंद कर प्रदर्शन में शामिल हो गए। जाम के कारण हाईवे और अन्य मार्गों पर वाहनों की कतार लग गई।

हेलंग-मारवाड़ी बाईपास निर्माण से भूधंसाव का खतरा बढ़ा

दोपहर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक सैनी और पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह ने प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचकर जाम खोलने का आग्रह किया, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुए।

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार और संयोजक अतुल सती का कहना था कि एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना की टनल और बीआरओ द्वारा किए जा रहे हेलंग-मारवाड़ी बाईपास के निर्माण से नगर पर भूधंसाव का खतरा बढ़ रहा है।

इन निर्माण कार्यों को रोकने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था का लिखित आश्वासन मिलने पर ही मार्ग खोलने की बात कही। इसके बाद अपर जिलाधिकारी डा. अभिषेक त्रिपाठी ने वहां पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से वार्ता की।

वार्ता में उन्होंने विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना व हेलंग-मारवाड़ी बाईपास समेत नगर में सभी तरह के निर्माण कार्य बंद कराने और प्रभावित परिवारों के पुर्नवास के लिए समुचित कदम उठाने का लिखित आश्वासन दिया। तब जाकर शाम चार बजे आंदोलनकारियों ने जाम खत्म किया।

जोशीमठ की तस्वीर

  • कुल आबादी: 30,000 से अधिक
  • कुल भवन: 5,000 से अधिक
  • प्रभावित क्षेत्र में भवन: सरकारी आंकड़े- 561, गैर सरकारी आंकड़े- 800 (इनमें 10 सरकारी, 700 निजी और 90 व्यावसायिक भवन हैं)

एनटीपीसी और एचसीसी बनाएंगी प्री-फैब्रिकेटेड हट

जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने चार हजार प्री-फैब्रिकेटेड हट बनवाने की बात कही है।

यह भी पढ़ें : Joshimath: 500 से ज्यादा मकानों में दरार, गुस्साए लोगों ने किया बद्रीनाथ हाईवे जाम; सरकार के खिलाफ नारेबाजी

इसकी जिम्मेदारी एनटीपीसी और एचसीसी कंपनी को दी गई है। दोनों कंपनियां दो-दो हजार प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाएंगी। हट बनाने के लिए प्रशासन शीघ्र कंपनियों को भूमि उपलब्ध करा देगा। इससे पहले कंपनियों को हट बनाने के लिए संसाधन जुटाने का निर्देश दिया गया है।

विशेषज्ञों ने दिए थे ये सुझाव

पिछले वर्ष अगस्त में जोशीमठ भेजे गए विशेषज्ञों के दल ने अपनी रिपोर्ट में जोशीमठ में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करने, अलकनंदा नदी से हो रहे भूकटाव की रोकथाम को कदम उठाने, नालों का चैनलाइजेशन व सुदृढ़ीकरण करने, धारण क्षमता के अनुरूप निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने के सुझाव दिए थे।

यहां शिफ्ट किए जा रहे प्रभावित परिवार

नगर पालिका गेस्ट हाउस, टूरिस्ट लाज, माधव आश्रम, प्राथमिक विद्यालय सिंयाधार, श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति गेस्ट हाउस, ज्योतिर्मठ आश्रम, गुरुद्वारा जोशीमठ बाजार, जीआइसी, मिलन केंद्र। इन स्थलों पर 800 से अधिक लोग के रहने की व्यवस्था है।

ये हैं प्रभावित क्षेत्र

गांधी नगर, मारवाड़ी, लोअर बाजार, सिंहधार, मनोहर बाग, अपर बाजार, सूनीलगांव, परसारी, रविग्राम।