Joshimath Sinking: सुरक्षा के उपाय करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर उतरे लोग, तीन घंटे प्रदर्शन
Joshimath Sinkingजोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित लोगों ने सुरक्षा उपायों विस्थापन और मुआवजे की मांग को लेकर चक्का जाम किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की और पुतला दहन किया। अपर जिलाधिकारी ने एक महीने के भीतर सुरक्षा कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया। बदरीनाथ हाईवे पर लगभग 10 किमी लंबा जाम लग गया जिसमें 13000 से अधिक यात्री और स्थानीय लोग फंसे रहे।
संवाद सूत्र, जागरण, जोशीमठ। Joshimath Sinking: जोशीमठ में भूधंसाव से सुरक्षा के उपाय करने, आपदा प्रभावितों के विस्थापन और मुआवजा वितरण समेत विभिन्न मांगों को लेकर स्थानीय निवासियों ने चक्काजाम कर दिया। लोगों ने सरकार पर नगर की अनदेखी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। प्रदेश सरकार का पुतला दहन करके भी आक्रोश जताया।
बाद में अपर जिलाधिकारी के एक माह के भीतर नगर में सुरक्षा कार्य शुरू किए जाने समेत अन्य मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई के लिखित आश्वासन पर लोग शांत हुए। प्रदर्शन के चलते नगर में तीन घंटे तक बाजार बंद रहे और यातायात ठप रहा।
बदरीनाथ हाईवे पर लगभग 10 किमी लंबा जाम
इस दरमियान बदरीनाथ हाईवे पर भी वाहनों के पहिये थमे रहे। हाईवे पर लगभग 10 किमी लंबा जाम लग गया, जिसमें 13,000 से अधिक यात्री और स्थानीय लोग फंसे रहे।जोशीमठ में भूधंसाव से आई आपदा के 21 माह गुजर जाने के बाद भी जनजीवन पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट पाया है। इससे आक्रोशित स्थानीय निवासियों ने शुक्रवार को चक्काजाम का एलान किया था। इस कड़ी में सुबह से ही नगर के समस्त वार्डों से महिलाएं और पुरुष मूल निवासी स्वाभिमान संगठन जोशीमठ के बैनर तले जैम फैक्ट्री तिराहे पर जुटने शुरू हो गए।
करीब नौ बजे तक सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र हो गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस-प्रशासन की टीम यहां पहले से मौजूद थी। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन की ओर से उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
नाराज नागरिकों ने शासन-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री और गढ़वाल सांसद का पुतला दहन भी किया। इस दौरान मूल निवास स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष भुवनचंद्र उनियाल ने कहा कि मूल निवासी लंबे समय से नगर में सुरक्षा कार्य, पुस्तैनी भवनों का मुआवजा, आपदा प्रभावितों को सहायता समेत अन्य मुद्दों पर सरकार से पत्राचार व मुलाकात कर रहे हैं। बावजूद इसके सरकार अब तक धरातल पर कोई भी कार्य नहीं कर पाई, जिससे लोग चक्काजाम करने के लिए मजबूर हुए हैं।
चक्काजाम किए जाने के करीब एक घंटे बाद अपर जिलाधिकारी चमोली विवेक प्रकाश व उप जिलाधिकारी जोशीमठ घटनास्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत कराने का प्रयास किया। अपर जिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि जोशीमठ के उपचार और आपदा प्रभावितों के स्थायी पुनर्वास के लिए शासन व प्रशासन स्तर पर कार्यवाही जारी है।साथ ही जोशीमठ के स्थिरीकरण की डीपीआर शासन ने आइआइटी रुड़की को भेजी है, जिसके पास होते ही नगर के नीचे अलकनंदा और धौली गंगा नदी के किनारे तटबंध का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। यह भी आश्वासन दिया कि शासन और प्रशासन के स्तर पर नगर के सुरक्षा कार्यों को लेकर हुए निर्णय और प्रगति को 25 अक्टूबर तक जिलाधिकारी खुद जोशीमठ पहुंचकर नागरिकों के समक्ष रखेंगे। इसके अलावा उनकी अन्य मांगों को भी जिलाधिकारी के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए और दोपहर करीब 12 बजे चक्काजाम खत्म किया।
पूर्व सभासद समीर डिमरी ने कहा, जोशीमठ के मूल निवासियों की पहली मांग है कि नगर में सुरक्षात्मक कार्य शुरू किए जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एक माह के भीतर सुरक्षा कार्य शुरू नहीं हुए तो 25 अक्टूबर के बाद लोग अनिश्चितकालीन चक्काजाम करने के लिए मजबूर होंगे। प्रदर्शन में व्यापार मंडल अध्यक्ष नैन सिंह भंडारी, टैक्सी यूनियन अध्यक्ष चंडीप्रसाद बहुगुणा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, भगवती प्रसाद कपरुवाण, प्रकाश नेगी, अमित सती, प्रवेश डिमरी, हरेंद्र राणा, सौरभ राणा, शुभम रावत, देवेश्वरी शाह, आरती उनियाल समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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