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Badrinath Highway पर चटवापीपल में थम नहीं रहा भूस्खलन, रातभर फंसे रहे 200 वाहन

Badrinath Highway बदरीनाथ हाईवे पर चटवापीपल में भूस्खलन से चारधाम यात्रा 2024 की तैयारियों में बाधा उत्पन्न हो गई है। भूस्खलन के कारण हाईवे पर पांच किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गई है। कई यात्रियों को रात वाहन में ही गुजारनी पड़ी। प्रशासन ने फंसे यात्रियों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था की है। बुधवार को भी दिनभर मार्ग खुलता और बंद होता रहा।

By Dinesh thapaliyal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 18 Sep 2024 07:18 PM (IST)
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Badrinath Highway: तीन दिन से रुक-रुक हो रहा भूस्खलन. Jagran
संवाद सहयोगी, जागरण, कर्णप्रयाग। Badrinath Highway: बदरीनाथ हाईवे पर चटवापीपल में भूस्खलन थम नहीं रहा। यहां पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरने से मार्ग रातभर अवरुद्ध रहा। इस कारण पांच किमी क्षेत्र में यात्रियों और स्थानीय निवासियों के 200 से अधिक वाहन फंस गए।

कई यात्रियों को रात वाहन में ही गुजारनी पड़ी। इस दरमियान प्रशासन ने फंसे यात्रियों के लिए गौचर मैदान और चटवापीपल में आसपास के ढाबा संचालकों के सहयोग से भोजन आदि की व्यवस्था की। बुधवार को भी दिनभर मार्ग खुलता और बंद होता रहा।

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भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में सड़क पर गिर रहे मलबे से बना दलदल भी चुनौती पेश कर रहा है। यहां वाहन लगातार फंस रहे हैं। इसके चलते मार्ग सुचारु होने पर भी यातायात गति नहीं पकड़ पा रहा। बुधवार को दिनभर इस क्षेत्र में वाहन फंसते रहे। कई बार वाहनों को निकालने के लिए पोकलैंड मशीन का सहारा भी लेना पड़ा।

यहां गिरता रहता है पहाड़ी से पत्थर और मलबा

कर्णप्रयाग से लगभग चार किमी आगे बदरीनाथ धाम की ओर स्थित चटवापीपल में भूस्खलन क्षेत्र लंबे समय से सक्रिय है। वर्षा नहीं होने पर भी यहां पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिरता रहता है।

पिछले तीन दिन से इस क्षेत्र में लगातार भूस्खलन हो रहा है। इससे आवाजाही घंटों बाधित हो रही है। मंगलवार रात करीब आठ बजे यहां भारी भूस्खलन हो गया, जिससे सड़क पर बड़ी मात्रा में मलबा और पत्थर जमा हो गए। इससे आवाजाही ठप हो गई और हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई।

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एनएच की टीम ने सुबह करीब छह बजे दो पोकलैंड व एक जेसीबी मशीन की मदद से मलबा हटाना शुरू किया। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद टीम छोटे वाहनों के लिए रास्ता बना पाई, जिसके बाद करीब आठ बजे छोटे वाहनों को निकालना शुरू कर दिया गया, जबकि बड़े वाहनों को आवागमन के लिए सुबह 11 बजे तक इंतजार करना पड़ा। इस दरमियान गौचर, कमेड़ा, नगरासू से लेकर रुद्रप्रयाग तक जाम की स्थिति बनी रही। कर्णप्रयाग थाना प्रभारी डीएस रावत समेत पुलिस टीम को जाम खुलवाने के लिए घंटों पसीना बहाना पड़ा।

दलदल में फंसी बस, 30 सवारियों की अटकी सांस

चटवापीपल में पहाड़ी से लगातार गिर रहे मलबे के कारण बदरीनाथ हाईवे का लगभग 50 मीटर हिस्सा दलदल में तब्दील हो गया है, जिसमें वाहनों के पहिये फंस रहे हैं। बुधवार दोपहर करीब एक बजे ऋषिकेश की ओर जा रही निजी बस यहां फंस गई। इससे बस में बैठी 30 सवारियों और चालक-परिचालक की सांस अटक गई। चालक के काफी प्रयास करने के बाद भी बस नहीं निकली तो एनएच की टीम ने पोकलैंड मशीन की मदद से बस को निकाला। तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली।

वाहनों के दलदल में फंसने का यह सिलसिला दिनभर चलता रहा। ऐसे में पुलिस के जवान वाहन चालकों को सावधानीपूर्वक निकलने की सलाह देते रहे। दलदल में फंसने से वाहनों को नुकसान भी पहुंच रहा है।

वैकल्पिक मार्ग भी जाम

चटवापीपल में मार्ग अ‍वरुद्ध होने पर कर्णप्रयाग में पुलिस-प्रशासन ने रुद्रप्रयाग और गौचर की तरफ जाने वाले वाहनों को पोखरी मार्ग से निकालना शुरू किया। यहां भी वाहनों का दबाव बढ़ने से दो किमी लंबा जाम लग गया। बुधवार को चटवापीपल में मार्ग सुचारु होने के बाद इस मार्ग पर भी यातायात ने गति पकड़ी।

रुद्रप्रयाग से वैकल्पिक मार्गों से चमोली भेजे जा रहे वाहन

चटवापीपल में हाईवे अवरुद्ध होने के दृष्टिगत रुद्रप्रयाग से चमोली जाने वाले छोटे वाहनों को भट्टनगर-रानो-बमोथ-खाल सरमोला-कर्णप्रयाग मोटर मार्ग से भेजा जा रहा है, ताकि उन्हें जाम में न फंसना पड़े। इसी तरह बड़े वाहन रुद्रप्रयाग-सतेराखाल-दुर्गाधार-चोपता-मोहनखाल-पोखरी-कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग-तिलवाड़ा-अगस्त्यमुनि-कुंड-ऊखीमठ-मंडल-चोपता मोटर मार्ग से निकाले जा रहे हैं। 

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