बदरीनाथ धाम यात्रियों से गुलजार, जोशीमठ में पसरा सन्नाटा
जहां एक ओर बदरीनाथ में यात्रियों का हुजूम उमड़ पड़ा है तो वहीं जोशीमठ में सन्नाटा पसरा हुआ है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 03 Jun 2018 05:19 PM (IST)
जोशीमठ, चमोली [जेएनएन]: श्री बदरीनाथ धाम की यात्रा चरम पर है। अब तक साढ़े चार लाख से अधिक यात्री बदरीनाथ धाम पहुंच चुके हैं। बावजूद इसके यात्रा के मुख्य पड़ाव जोशीमठ में वीरानी पसरी हुई है। असल में जरूरी सुविधाओं की कमी के कारण यात्री यहां रुकना ही नहीं चाहते। इससे यहां का होटल व्यवसाय भी चरमरा गया है।
जोशीमठ (ज्योतिर्मठ) भगवान बदरी नारायण का शीतकालीन पड़ाव होने के साथ ही प्रमुख धार्मिक नगरी भी है। शास्त्रों में कहा गया है कि जोशीमठ स्थित प्राचीन नृसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद ही बदरीनाथ धाम की यात्रा करनी चाहिए। यहां पर शंकराचार्य कोठा, रावल कोठा समेत कई पौराणिक स्थल हैं। बावजूद इसके बदरीनाथ जाने वाले यात्री जोशीमठ में रुकना पसंद नहीं कर रहे। जबकि, इस बार बदरीनारायण के दर्शनों को यात्रियों का रेला उमड़ रहा है। दरअसल, नगर में पार्किंग, पेयजल, शौचालय समेत अन्य सुविधाओं के अभाव के चलते यात्री यहां रुकने के बजाय अगले पड़ाव स्थलों या फिर सीधे बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हो जा रहे हैं।
जोशीमठ में दो हजार से अधिक होटल व्यवसायियों का रोजगार यात्रा पर टिका हुआ है। जिन्हें यात्रियों के यहां न ठहरने से मायूस होना पड़ रहा है। व्यापार मंडल जोशीमठ के अध्यक्ष नैन ङ्क्षसह भंडारी कहते हैं कि यात्रा चरम पर होने के बावजूद जोशीमठ के व्यवसायियों को रोजी-रोटी के संकट से जूझना पड़ रहा है। इस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। होटल व्यवसायी प्रकाश शाह कहते हैैंकि यात्री जोशीमठ में रुकना चाहते हैं, मगर दिक्कतें उन्हें सीधे आगे बढ़ने को विवश कर रही हैं।पेयजल की है समस्या
जोशीमठ में लंबे समय से पेयजल की समस्या बनी हुई है। यहां पर जल संस्थान के चार सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट हैं। यात्रा शुरू होने से पहले इनका रंग-रोगन भी किया गया। मगर, आज तक इन पर बूंदभर भी पानी नहीं आया। ऐसे में यात्री बाजार का पानी खरीदकर प्यास बुझा रहे हैं।शौचालय का भी अभाव
नगर में शौच की सुविधा तक नहीं है। नगर पालिका की ओर से ङ्क्षसहधार व छावनी बाजार में सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं। मगर, नगर से दूर होने के कारण यात्रियों के काम नहीं आ रहे।पार्किंग सुविधा भी नहीं
नगर में बदरीनाथ स्टैंड पर 25 वाहनों की पार्किंग है, जबकि तहसील की पार्किंग में 50 वाहन रुक सकते हैं। गांधी मैदान में 100 वाहनों के खड़ा होने की क्षमता है। देखा जाए तो यह जगह स्थानीय वाहनों के लिए भी पूरी नहीं है। जबकि, इन दिनों रोजाना यहां सैकड़ों वाहन आ रहे हैं।उप जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि जोशीमठ में पार्किंग की बड़ी समस्या है। जिस कारण व्यापारियों को यात्रा का लाभ नहीं मिल पा रहा। हालांकि, यात्री सुविधाएं जुटाने के लिए प्रशासन की ओर से हरसंभव जतन किए जा रहे हैं।
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