मां नंदा ने वेदनी कुंड की परिक्रमा कर पवित्र जल से किया स्नान
नंदादेवी लोकजात यात्रा का 13 हजार फीट की ऊंचाई वेदनीकुंड में विधिविधान से पूजा के बाद यात्रा का समापन हो गया है। इस दौरान 2 से 3 हजार श्रद्धालुओं ने मां नंदा का आशीष लिया।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 05 Sep 2019 08:59 PM (IST)
चमोली, जेएनएन। सिद्धपीठ कुरूड़ से जन्माष्टमी के दिन प्रारंभ हुई नंदादेवी लोकजात यात्रा का गुरुवार को शुभ मुहूर्त में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित वेदनीकुंड में विधि विधान से पूजा-अर्चना के बाद समापन हो गया है।
इस अवसर पर पवित्र सरोवर वेदनीकुंड में सैकड़ों भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई। पूजा-अर्चना के बाद नंदादेवी की डोली वेदनी बुग्याल से औली बुग्याल होते हुए बांक गांव वापस लौटी। इस दौरान दो से तीन हजार श्रद्धालुओं ने मां नंदा का आशीर्वाद लिया। गुरुवार को सुबह निर्जन पड़ाव गैरोलीपातल से मां राजराजेश्वरी नंदा की डोली यात्रा वेदनी कुंड पहुंची। जहां पहले से पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां नंदा का परंपरागत वाद्य यंत्रों की धुन पर नंदा के लोकगीत व पुष्प वर्षा से स्वागत किया। इसके बाद नंदादेवी डोली को वेदनी कुंड की परिक्रमा कराई गई और कुंड के पवित्र जल से माता को स्नान करवाकर श्रंृगार सामग्री अर्पित की गई।
नंदा चबूतरे में देवी की डोली को भक्तों के दर्शनों के लिए रखा गया। पंडित रमेश चंद्र कुनियाल व उमेश चंद्र कुनियाल ने विधि विधान से नंदा देवी की पूजा की। भगवती के पश्वा त्रिलोक सिंह बुटोला रावत ने देवनृत्य कर क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की और प्रसाद वितरित किया। वांण, कनोल, बांक, पार्था, कुरूड़ आदि महिला मंगल दल की महिलाओं ने नंदाजागर व भजन-कीर्तन कर माता के जयकारे लगाए और वेदनी कुंड में अपने तर्पण का विधान भी पूरा किया। इस वर्ष वेदनी बुग्याल में ब्रहमकमल सहित नाना प्रकार के पुष्प देख श्रद्धालु गदगद हुए। यात्री प्रसाद के रूप में अपने साथ ब्रहमकमल भी लाए। इस बार बुग्याल में पश चुगान पर प्रतिबंध होने से कई प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां मौजूद हैं।
यह भी पढ़ें: चंद्रग्रहण के सूतक काल में 12 घंटे बंद रहे चारधाम समेत मंदिरों के कपाट
इस अवसर पर आयोजित किए गए तीन दिवसीय रूपकुंड महोत्सव का पुरस्कार वितरण समारोह के साथ समापन किया गया। समारोह में स्थानीय सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में रूपकुंड समिति के अध्यक्ष जीत सिंह, सचिव रूपा देवी, बख्तावर सिंह, भुवन सिंह, कुंदन बिष्ट, पुष्पा देवी, दर्शन फस्र्वाण, रूकमा देवी, धामती देवी, पूजा देवी, कमला देवी, चौकी प्रभारी देवाल जगमोहन पडियार, तहसीलदार सोहन रांगड, वनदरोगा त्रिलोक बिष्ट, बलवंत पिमोली, अनूप देवराड़ी, गंभीर सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।
यह भी पढ़ें: इस साल नया कीर्तिमान बना गई चारधाम यात्रा, इतने श्रद्धालु पहुंचे
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।