Rishikesh Karnprayag Rail Project: एक और सुरंग का काम पूरा, पढ़ें उत्तराखंड की बहुप्रतिक्षित परियोजना की अपडेट
Rishikesh Karnprayag Rail Project ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। गौचर के पास सुरंग निर्माण कार्य पूरा हो गया है। एक सुरंग के आर-पार होने के बाद श्रमिकों के साथ अभियंताओं की टीम ने बधाई दी। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस रेल लाइन के 70 प्रतिशत निर्माण कार्य हो चुके हैं। 2025 तक सभी सुरंगों के बनने की उम्मीद है। जानिए इस प्रोजेक्ट की खास बातें।
संवाद सूत्र, जागरण गौचर। Rishikesh Karnprayag Rail Project : बहुप्रतिक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण कार्य तेज गति से जारी है शुक्रवार गौचर के समीप तैयार हो रही एक सुरंग के आर-पार होने के बाद श्रमिकों के साथ अभियंताओं की टीम ने बधाई देते हुए उपलब्धि को यादगार क्षण बताया।
गौचर के समीप सुरंग निर्माण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण कार्य बीते तीन साल से गतिमान था। सुरंग के आर-पार होने से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेलवे लाइन निर्माण में एक उपलब्धि और जुड़ गई है। गौचर के पास फेज पांच और छह पर लगभग 2700 मीटर की एक सुरंग पर काम पूरा हो गया है।
लगभग तीन साल का लगा वक्त
मेगा कंपनी के तत्वावधान में निर्मित कमेंडा गांव की सीमा से भट्टनगर गांव की सीमा तक सुरंग खुदान का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।यह भी पढ़ें- वनवासियों के लिए देवी हैं खीमा, उत्तराखंड की एकमात्र आदिम जनजाति के उत्थान को 23 वर्षों से जुटीं
मेगा कंपनी के सर्वे इंचार्ज दिनेश सिंह बिष्ट ने बताया कि सुरंग के निर्माण में लगभग तीन साल का वक्त लगा। इस सुरंग के निर्माण कार्य के पूरा होने पर कंपनी के कर्मचारियों ने खुशी व्यक्ति की।
परियोजना का 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा
बताया ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना का 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। 2025 तक सभी सुरंगों का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।प्रोजेक्ट की मुख्य बातें
- सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ऋषिकेश करणप्रयाग रेल लाइन ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का 104 किलोमीटर हिस्सा सुरंग से होकर गुजरेगा।
- शेष 21 किलोमीटर में पुल और रेलवे स्टेशन होंगे रेलवे लाइन का 84 फ़ीसदी हिस्सा सुरंग के अंदर से गुजरना है।
- रेल लाइन पर 16 मुख्य व 12 सहायक सुरंगे तैयार होनी हैं।
- सात सहायक सुरंगें ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे से जोड़ी जा रही है जो आपातकाल में निकासी का कार्य में सहायक होगीं।
- परियोजना का 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा।
- 2025 तक सभी सुरंगों का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद।