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Hemkund Yatra: हेमकुंड साहिब जाने की राह और आसान, घोड़े-खच्चरों की आवाजाही हुई सुचारू; इस वजह से थी सुविधा पर रोक

Hemkund Yatra हेमकुंड से दो किमी नीचे अटलाकोटी में भारी भरकम हिमखंड होने से यहां पर घोड़े खच्चरों की आवाजाही प्रतिबंधित की थी। यहां से घोड़े खच्चर से उतरकर दो किमी खड़ी चढ़ाई चढ़कर श्रद्धालु हेमकुंड जा रहे थे। अब अटलाकोटी हिमखंड में कम ही बर्फ जमी हुई है। इस हिमखंड में एसडीआरएफ यात्रियों को सुरक्षित सफर तय करा रही है।

By Devendra rawat Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 24 Jun 2024 01:47 PM (IST)
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हेमकुंड साहिब मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की आवाजाही हुई सुचारू

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। Hemkund Yatra 2024: हेमकुंड साहिब तक अब घोड़े खच्चरों की आवाजाही सुचारू हो गई है। इससे हेमकुंड साहिब की राह और आसान हो गई है। हेमकुंड साहिब में प्रतिदिन पांच हजार से अधिक यात्री आ रहे हैं। बताते चलें कि लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 23 मई व हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुले थे।

हेमकुंड से दो किमी नीचे अटलाकोटी में भारी भरकम हिमखंड होने से यहां पर घोड़े खच्चरों की आवाजाही प्रतिबंधित की थी। यहां से घोड़े खच्चर से उतरकर दो किमी खड़ी चढ़ाई चढ़कर श्रद्धालु हेमकुंड जा रहे थे। हालांकि हेमकुंड तक पहले ही बर्फ पिघल गई थी।

घोड़े-खच्चर की आवाजाही से हिमखंड टूटने का खतरा

अटलाकोटी हिमखंड के चार फीट से अधिक ऊंचा होने के से इस 50 मीटर क्षेत्र में आवाजाही खतरे से खाली नहीं था। घोड़े खच्चरों की आवाजाही से हिमखंड के टूटने का भी खतरा था। अब अटलाकोटी हिमखंड में कम ही बर्फ जमी हुई है। इस हिमखंड में एसडीआरएफ यात्रियों को सुरक्षित सफर तय करा रही है।

प्रशासन ने हिमखंड में आवाजाही के लिए रविवार से घोड़े खच्चरों की भी आवाजाही करा दी है। अब यात्री घोड़े खच्चरों से हेमकुंड तक पहुंच रहे हैं।

घोड़े-खच्चरों की आवाजाही से यात्रियों को मिलेगी सुविधा

गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने कहा कि हेमकुंड तक घोड़े खच्चरों की आवाजाही से यात्रियों को सुविधा मिलेगी। अभी तक अटलाकोटी से हेमकुंड क्षेत्र में दो किमी में पैदल आवाजाही हो रही थी।

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