आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी पहुंची नृसिंह मंदिर जोशीमठ
नृसिंह मंदिर जोशीमठ में आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी विराजित हो गई है। अब छह माह शंकराचार्य गद्दी के दर्शन जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 22 Nov 2018 09:17 PM (IST)
गोपेश्वर, चमोली जेएनएन। आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजित हो गई है। अब छह माह शंकराचार्य गद्दी के दर्शन जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होंगे। छह माह बदरीनाथ धाम में गद्दी के दर्शन होते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी की पूजा अर्चना के बाद सुबह योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से डोली को रवाना किया गया। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गद्दी की पूजा अर्चना की। बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के सानिध्य में शंकराचार्य गद्दी को यात्रा के साथ जोशीमठ लाया गया। यहां पर लोगों ने फूल वर्षा कर शंकराचार्य गद्दी का स्वागत किया। पूजा अर्चना के बाद आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी जो जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में विराजित किया गया। शीतकाल के दौरान जहां भवगान नारायण अपने दर्शन योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में देंगे वहीं शंकराचार्य गद्दी के दर्शन जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होंगे। इस दौरान धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, वेदपाठियों के अलावा कई श्रद्धालु उपस्थित थे।
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