नौनिहालों का भविष्य रोशन कर रहे हैं शिक्षक दंपती, पढ़िए पूरी खबर
शिक्षक जसवंत लाल सिर्फ स्कूल में छात्रों को शिक्षा देने तक सीमित नहीं हैं बल्कि समाज के उन जरूरतमंद छात्रों के लिए भी समर्पित हैं जो आर्थिक तंगी से शिक्षा हासिल नहीं कर पाते।
By Edited By: Updated: Wed, 22 Jan 2020 08:24 PM (IST)
गोपेश्वर, देवेंद्र रावत। पेशे से शिक्षक जसवंत लाल सिर्फ स्कूल में छात्रों को शिक्षा देने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज के उन जरूरतमंद छात्रों के लिए भी समर्पित हैं जो आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा हासिल नहीं कर पाते। वह प्रतिवर्ष 50 से अधिक बच्चों की पढ़ाई में मदद करते हैं। वर्तमान समय में वह 16 बच्चों की फीस और अन्य बच्चों को किताब, कापी, स्कूल ड्रेस के लिए मदद देते हैं। उन्होंने अपने घर में बुक बैंक भी बनाया है। जिसके जरिये वह छात्रों से किताबों को सुरक्षित रखने को प्रोत्साहित करते हैं। गुरु दक्षिणा में छात्रों किताबें मांगकर उसे बुक बैंक में रखते हैं, जिन्हें जरूरतमंद छात्रों को दिया जाता है।
चमोली जिले में ग्राम मैठाणा में 20 जनवरी 1970 में एक गरीब परिवार में जन्मे जसवंत लाल की शिक्षा दीक्षा अभावों में हुई। उन्होंने गांव में ही शिक्षा ग्रहण करने के बाद गोपेश्वर से एमए किया। वर्ष 1993 में केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक के पद पर नौकरी लगी। 2013 में जसवंत लाल उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से प्रवक्ता पद पर चयनित हुए। वर्तमान समय में वह राइंका पिपलीधार डागर टिहरी गढ़वाल में राजनीति विज्ञान विषय के प्रवक्ता हैं। जसवंत लाल के मन में दूसरों की मदद करने का जज्बा हमेशा से रहा।
केंद्रीय विद्यालय में तैनाती के दौरान भी छात्रों को विद्यालय के बाद अतिरिक्त समय देकर उन्हें परीक्षा की तैयारी करवाते थे। इंटर कॉलेज में तैनाती के बाद उन्होंने गांवों में गरीब बच्चों को देखा जो संसाधनों की कमी से जूझ रहे थे। 2014 से जसवंत लाल ने ऐसे बच्चों की मदद का बीड़ा उठाया जिन्हें स्कूल ड्रेस, किताब, कापियां, फीस की दिक्कतें हैं। उनका लक्ष्य है कि प्रतिवर्ष 50 बच्चों की मदद किसी भी रूप में की जा सके। वर्तमान समय में वे कक्षा नौ से 12 तक के 16 बच्चों की फीस का वहन करते हैं। इसके अलावा 200 से अधिक बच्चे ऐसे हैं जिन्हें वे किताब, कापी, ड्रेस या फिर कहीं प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने जाने वाले बच्चों की मदद कर चुके हैं। वर्तमान समय में उनके बुक बैंक में 200 किताबें मौजूद हैं।
यह भी पढ़ें: जौनसार के युवक ने किया 'ग्रांउड एप्पल' की खेती का सफल प्रयोग, पढ़िए पूरी खबरजसवंत लाल का कहना है कि उनकी पत्नी भी जोशीमठ विकासखंड में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका है। वह भी उनके इस कार्य में मदद करती हैं। वेतन का दस प्रतिशत हिस्सा वह इस कार्य के लिए अलग रखते हैं। शिक्षक जसवंत लाल लोगों से जुड़े रहते हैं। कहीं भी मदद की जरूरत हो तो वह अवकाश के दिन खुद संबंधित परिवार से मिलकर या फिर मोबाइल से बात कर उनकी यथासंभव मदद के लिए आगे आते हैं। जसवंत लाल का कहना है कि उनके शिष्य आज सेना सहित कई जगह सेवा दे रहे हैं। जो उनके लिए गौरव की बात है।
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