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Chamoli: शीतकाल के लिए बंद हुए फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट, जानिए इस मंदिर की खासियत

Chamoli रविवार को 230 मिनट पर भगवान नारायण के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। रविवार की सुबह पुजारी अब्बल सिंह पंवार द्वारा बालभोग व राजभोग लगाने के साथ ही कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जिसके बाद विशेष पूजा अर्चना के बाद दोपहर 230 बजे विधि विधान से फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट बंद किए गए।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Mon, 25 Sep 2023 11:11 AM (IST)
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शीतकाल के लिए बंद हुए फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट
गोपेश्वर, जागरण संवाददाता। जोशीमठ विकासखंड के उर्गम घाटी में स्थित फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट रविवार को विधि विधान व पूजा अर्चनाओं के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। उर्गम घाटी के भर्की गांव क्षेत्र में स्थित जंगलों के बीच भगवान विष्णु का मंदिर स्थित है जिसे फ्यूंलानारायण धाम के नाम से जाना जाता है।

रविवार को 2:30 मिनट पर भगवान नारायण के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। रविवार की सुबह पुजारी अब्बल सिंह पंवार द्वारा बालभोग व राजभोग लगाने के साथ ही कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जिसके बाद विशेष पूजा अर्चना के बाद दोपहर 2:30 बजे विधि विधान से फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट बंद किए गए।

लगी श्रद्धालुओं की भीड़

इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर मनोकामनाएं मांगी। इस अवसर पर चंद्र मोहन सिंह पंवार, रामा देवी ,मंजू देवी , रामचंद्र सिंह, दर्शन सिंह रघुवीर सिंह चौहान सहित कई नागरिक मौजूद थे।

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मात्र डेढ़ माह के लिए खुलते हैं कपाट

हिमालय में भगवान नारायण का यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसके कपाट साल में मात्र डेढ़ माह के लिए खुलते हैं। कपाट बंद होने पर कुंआरी कन्याओं द्वारा फूलों से भगवान नारायण का श्रृंगार किया जाता है। इस मंदिर में पूजा-अर्चना का अधिकार ठाकुर जाति के पुजारियों का है।

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