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Chardham Yatra: ब्रह्म मुहूर्त में बदरीनाथ धाम के कपाट खुले, श्रद्धालुओं ने किए अखंड ज्‍योति के दर्शन

भू वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट विधि विधान व पूजा अर्चना के बाद खोल दिए गए हैं। श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन कर घृत कंबल का प्रसाद ग्रहण किया।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 10 May 2019 08:53 PM (IST)
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Chardham Yatra: ब्रह्म मुहूर्त में बदरीनाथ धाम के कपाट खुले, श्रद्धालुओं ने किए अखंड ज्‍योति के दर्शन
बदरीनाथ, जेएनएन। भू-वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त में विधि विधान से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन कर घृत कंबल का प्रसाद ग्रहण किया। बदरी विशाल के दर्शनों के लिए तकरीबन दस हजार श्रद्धालु मध्य रात्रि के बाद से ही लाइन में खड़े हो गए थे। कपाट खुलने के बाद सभी श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल के दर्शन किए। दर्शनार्थियों में प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और पूर्व सीएम एवं सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल थे। चारों धामों के कपाट खुलने के साथ ही अब यात्रा ने संपूर्ण रूप ले लिया है। 

तड़के करीब सवा तीन बजे दक्षिण द्वार से भगवान कुबेर ने बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश किया। साढ़े तीन बजे वीआइपी प्रवेश द्वार से मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल व वेदपाठी उद्धव जी की मूर्ति के साथ मंदिर में दाखिल हुए। उद्धव व कुबेर जी की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित करने से पहले मां लक्ष्मी को उनके मंदिर में विराजित किया गया। 3.35 बजे मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की मौजूदगी में पूजा अर्चना शुरू हुई और सवा चार बजे बदरी विशाल के जयकारों के बीच कपाट खोले गए। इस दौरान वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने स्वास्तिवाचन किया। सेना के बैंड की भक्तिमय धुन के बीच माणा और बामणी गांव की महिलाओं ने मंदिर परिसर में पारंपरिक लोकनृत्य दांकुड़ी की प्रस्तुति दी। बदरी केदार मंदिर समिति अध्यक्ष मोहन थपलियाल और मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह भी इस अवसर पर मौजूद थे।

उद्धव व कुबेर जी की मूर्ति को गर्भगृह में रखने से पहले मां लक्ष्मी को गर्भगृह से बाहर लाकर लक्ष्मी मंदिर में विराजित किया गया। तड़के 3.35 बजे मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के निर्देशन में द्वारा पूजन का कार्यक्रम शुरू हुआ। द्वार पूजन के बाद 3:45 बजे गाड़ू घड़े को मंदिर के अंदर ले जाया गया। ठीक सुबह 4:15 बजे जयकारों के बीच बदरी विशाल के कपाट खोले गए। कपाट खुलने के दौरान वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा स्वस्तिवाचन गाया गया।

यहां भी किए दर्शन

श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल की पूजा अर्चना करने के बाद तप्तकुंड, नारद कुंड, शेष नेत्र झील, नीलकंठ शिखर, उर्वशी मन्दिर, ब्रह्म कपाल, माता मूर्ति मंंदिर और देश के अंतिम गांव माणा, भीमपुल, वसुधारा जल प्रपात आदि स्थलों में जाकर भी पूजा अर्चना की।

बदरीनाथ: पूजा और अभिषेक शुल्क

महाभिषेक पूजा (दो घंटे)- 4301 रुपये

अभिषेक पूजा (दो घंटे)- 4101 रुपये

वेदपाठ पूजा (20 मिनट)- 2100 रुपये

गीता पाठ पूजा (20 मिनट)- 2500 रुपये

सायंकालीन आरती, पूजाएं

कपूर आरती (20 मिनट)- 151 रुपये

चांदी आरती (20 मिनट)- 351 रुपये

स्वर्ण आरती (20 मिनट)- 376 रुपये

अष्टोत्तरी पूजा (20 मिनट)- 351 रुपये

विष्णु सहस्रनाम पाठ (30 मिनट)- 456 रुपये

विष्णु सहस्रनामावली (30 मिनट)- 576 रुपये

सयन आरती, गीत, गोविंद पाठ (डेढ़ घंटे)- 3100 रुपये

(नोट: प्रत्येक की दरें प्रति व्यक्ति है)

विशिष्ट पूजाएं (परिवार संग)

श्रीमदभागवत सप्ताह पाठ- 35101 रुपये

संपूर्ण पूजा (एक दिन)- 11700 रुपये

अखंड ज्योति (एक दिन)- 1451 रुपये

नारायण को सवा करोड़ की भेंट

अमेरिका के न्यू जर्सी में रह रहे गुजरात मूल के भारतीय व्यवसायी अजय शाह ने कपाट खुलने के अवसर पर बदरीनाथ भगवान नारायण के चरणों में करीब सवा करोड़ रुपये मूल्य के तीन रत्नजड़ति मुकुट और दो आभूषण समर्पित किए। वह अपने बेटे के साथ आए थे। 

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