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Coronavirus: चमोली में लापरवाही पड़ गई भारी, हॉटस्पॉट बना क्वारंटाइन सेंटर

चमोली जिले में लापरवाही भारी पड़ रही है और क्वारंटाइन सेंटर ही हॉटस्पॉट बन रहे हैं। यहां शारीरिक दूरी नियम को नजरअंदाज करना जोखिम भरा साबित हुआ है।

By Edited By: Updated: Tue, 26 May 2020 11:39 AM (IST)
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Coronavirus: चमोली में लापरवाही पड़ गई भारी, हॉटस्पॉट बना क्वारंटाइन सेंटर
गोपेश्वर, जेएनएन। चमोली जिले में प्रवासियों की आमद से कोरोना पॉजिटव की संख्या लगातार बढ़ रही है। गैरसैंण में अब तक दस कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। चमोली जिले के घाट ब्लॉक में चार और थराली में एक कोरोना पॉजिटिव मिला है। जिले में कोरोना का हॉटस्पॉट बने प्राथमिक विद्यालय पज्याणा क्वारंटाइन सेंटर में शारीरिक दूरी नियम को नजरअंदाज करना जोखिम भरा साबित हुआ है।

चमोली जिले में अब तक जो भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं वे प्रवासी ही हैं। कोरोना पॉजिटिव मिले लोग दिल्ली, गुड़गांव क्षेत्र से आए हैं। प्रशासन भले ही दावा करता रहा कि प्रवासियों को फैसिलिटी क्वारंटाइन में रखा जाएगा। इन प्रवासियों को गांव के पास बने फैसिलिटी क्वारंटाइन सेंटरों में भेजा गया। 

यही कारण रहा कि न केवल उनके स्वजनों से उनकी मेल मुलाकात हुई। साथ ही उन क्वारंटाइन सेंटरों में ये लोग अन्य लोगों के साथ ऐसे घुले मिले कि अब यह कहना भी मुश्किल हो रहा है कि उन्हें संक्रमण यहां हुआ या पहले से था। घाट व थराली में मिले कोरोना पॉजिटिव भी शारीरिक दूरी मानकों के पालन न होने से ही इस बीमारी की चपेट में आए हैं।

सोमवार को चमोली जिले में दो कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। एक कोरोना पॉजिटिव थराली व एक गैरसैंण से मिला है। थराली से मिले कोरोना पॉजिटिव को पहले से ही कर्णप्रयाग के एक होटल में क्वारंटाइन किया गया है। बताया गया कि वह गुड़गांव से थराली लौटा था। गुड़गांव से आने के दौरान वह बाहरी जिले के जिस साथी के साथ आया था वह कोरोना पॉजिटिव था। जिस कारण स्वास्थ्य विभाग ने उसे गांव के क्वारंटाइन सेंटर से कर्णप्रयाग के फैसिलिटी क्वारंटाइन में शिफ्ट कर दिया था। 

गैरसैंण में मिले कोरोना पॉजिटिव को पज्याणा गांव के फैसिलिटी क्वारंटाइन सेंटर में पहले ही एक पॉजिटिव मिलने के बाद गढ़वाल मंडल विकास निगम के फैसिलिटी क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। पज्याणा के इस क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे 16 लोगों में से 10 लोग संक्रमित पाए गए हैं। छह की रिपोर्ट आनी बाकी है। 

इन लोगों की देखभाल करने वाले नायब तहसीलदार व नगर पंचायत का पर्यावरण मित्र भी फिलहाल क्वारंटाइन में है। उनकी रिपोर्ट भी आनी बाकी है। कोरोना का हॉटस्पॉट बना पज्याणा प्राथमिक विद्यालय को लेकर जानकारी आ रही है कि जो 16 लोग यहां अलग-अलग जगहों से गांव वापस आए थे। वे प्राथमिक विद्यालय के क्वारंटाइन सेंटर में मेल मिलाप के साथ रह रहे थे तथा शारीरिक दूरी के नियम को तो यहां कभी पालन किया ही नहीं गया। 

चमोली जिले में प्रवासियों का आना जारी है। सीमा पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद अधिकतर प्रवासियों को होम या गांव के फैसिलिटी क्वारंटाइन में भेजा जा रहा है। होम क्वरंटाइन हो या गांव के फैसिलिटी क्वारंटाइन सेंटर वहां पर भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी स्वजनों की है। स्वजनों के संपर्क में आने के बाद स्वजनों की भी गांव में विचरण की दिनचर्या जारी है। 

ऐसे में होम क्वारंटाइन या गांव के फैसिलिटी क्वारंटाइन में शारीरिक दूरी के पालन को लेकर सवाल उठने लाजमी हैं। सीएमओ केके सिंह का कहना है कि गैरसैंण, कर्णप्रयाग, गोपेश्वर के अलावा कोरोना जांच के लिए टीम बढ़ाई जा रही है।

18585 प्रवासी पहुंचे हैं चमोली जिले में

कोरोना महामारी की वजह से प्रवासियों की घर से अब तक के आंकडों पर नजर डाले तो जिले में 18585 प्रवासियों की घर वापसी हो चुकी है। इनमें से 188 प्रवासी फैसिलिटी क्वारंटाइन में है। 11514 प्रवासी होम क्वारंटाइन में हैं। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि गौचर मेला मैदान में बनाए गए स्टेजिंग एरिया में सभी प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिंग, मेडिकल चैकअप, ट्रेवल हिस्ट्री सहित पूरा रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। 

इसके लिए जिला प्रशासन ने गौचर में स्पेशल टीमें तैनात की है। बाहर से आने वाले प्रवासियों को जिला प्रशासन द्वारा गौचर में कुक्ड फूड पैकेट भी उपलब्ध कराए जा रहे है और बसों से उनके गंतव्य स्थलों तक पहुंचाया जा रहा है।

रेड जोन से आने वाले प्रवासियों की होगी कोरोना जांच

लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने रेड जोन से आने वाले प्रवासियों का शत फीसद कोरोना सैंपल लेने की योजना बनाई है। इसके तहत अभी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम पंचायत क्वारंटाइन हुए रेड जोन से आए प्रवासियों को संस्थागत क्वारंटाइन कर रही है। 

अभी तक उत्तरकाशी 70 प्रवासियों को पंचायत क्वारंटाइन संस्थागत क्वारंटाइन कर चुकी है। पहाड़ में लगातार बढ़ रहे मामले निश्चित तौर पर चिंतित करने वाले हैं। रेड जोन गुरुग्राम से आया न्यूगांव का युवक पंचायत क्वारंटाइन हो गया था। पंचायत क्वारंटाइन के पांचवें दिन जब युवक की तबीयत बिगड़ी तो तब कोविड सेंटर लाए। युवक की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। 

इसलिए प्रशासन ने पंचायत क्वारंटाइन हुए उन प्रवासियों को संस्थागत क्वारंटाइन करने का निर्णय लिया। साथ उनकी कोरोना जांच करने का भी निर्णय लिया। अभी तक प्रशासन ने 70 से अधिक लोगों को पंचायत क्वारंटाइन सेंटर उठाकर संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में रख दिया है। इसके साथ ही इनके सैंपल भी लिए जा रहे हैं। 

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि रेड जोन से आने वाले प्रवासियों को चिह्नित किया गया है, जो भी रेड जोन से आया प्रवासी पंचायत क्वारंटाइन है, उसे एहतियात के तौर पर संस्थागत क्वारंटाइन किया जा रहा है। साथ ही संबंधित व्यक्तियों की जांच भी की जाएगी।

जरूरी होने पर ही होटल बनेंगे क्वारंटाइन सेंटर

प्रवासियों की व्यवस्थाओं को लेकर श्रीनगर, श्रीकोट गंगानाली क्षेत्र के 14 होटलों का अधिग्रहण किए जाने पर व्यापार सभा श्रीकोट गंगानाली और होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आपत्ति जताई है। इसको लेकर उन्होंने उपजिलाधिकारी श्रीनगर से वार्ता की। कहा कि शहरी और बाजार क्षेत्र वाले होटलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाने पर अन्य व्यापारियों को भी चिंता होने लगी है। 

व्यापार सभा अध्यक्ष नरेश नौटियाल और महासचिव त्रिभुवन राणा ने कहा कि बाजार क्षेत्र के होटलों को क्वारंटाइन सेंटर न बनाया जाए। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अप्पल रतूड़ी, पूर्व अध्यक्ष नरेश नौटियाल और सुरेंद्र चौहान ने कहा कि होटलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाने की सूचना मिलते ही होटल पर कोई भी स्टाफ कार्य करने को तैयार नहीं है। इन कर्मचारियों का कहना है कि प्रवासियों के होटल में रहने से उन्हें भी कोरोना संक्रमण हो सकता है। 

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ऐसी स्थिति में होटल में रूम ब्वॉय, सफाई कर्मचारी के साथ ही भोजन बनवाने की भी समस्या है। उपजिलाधिकारी दीपेंद्र नेगी ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रवासियों को क्वारंटाइन करने को लेकर प्रशासन सबसे पहले क्षेत्र के स्कूल और हॉस्टल लेगा। कहा कि जिन होटल्स को क्वारंटाइन सेंटर बनाया जाएगा उसमें कमरे के किराये और भोजन का भुगतान प्रशासन करेगा। कमरा लेने से पहले और कमरा छोड़ने के बाद कमरे को पूरी तरह से सेनिटाइज करवाया जाएगा।

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