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मलेशिया से पिंडदान करने परिवार आया था बदरीनाथ, हुआ दर्दनाक हादसा; जिंदगी भर का गम ले गया साथ

Uttarakhand News बदरीनाथ में श्राद्ध के लिए मलेशिया से आए एक अनिवासी भारतीय चिकित्सक की अलकनंदा नदी में डूबने से मौत हो गई। वह अपने बुजुर्ग पिता को बचाने के प्रयास में नदी में कूद गए थे। एसडीआरएफ के जवानों ने पिता को बचा लिया लेकिन चिकित्सक का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस और एसडीआरएफ के जवान नदी किनारे सर्च अभियान चला रहे हैं।

By Devendra rawat Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 25 Sep 2024 04:10 PM (IST)
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Uttarakhand News: एसडीआरएफ के जवानों ने पिता को बचाया, चिकित्सक का अब तक नहीं लग सका पता. Concept Photo

संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। मलेशिया से पिंडदान और तर्पण के लिए बदरीनाथ धाम आया अनिवासी भारतीय चिकित्सक अपने बुजुर्ग पिता को बचाने के प्रयास में अलकनंदा नदी में डूब गया। हादसा मंगलवार  ब्रह्मकपाल तीर्थ के पास गांधी घाट पर उस समय हुआ जब स्नान करते समय अचानक बुजुर्ग पैर फिसलने से बहने लगे।

इस पर चिकित्सक ने भी नदी में छलांग लगा दी। एसडीआरएफ के जवानों ने बुजुर्ग को तो बचा लिया लेकिन चिकित्सक का अब तक पता नहीं चल पाया है। खोजबीन के लिए पुलिस और एसडीआरएफ के जवान नदी किनारे सर्च अभियान चला रहे हैं।

पूर्वजों के पिंडदान के लिए पहुंचे थे बदरीनाथ

क्वालालंपुर (मलेशिया) के कुलाउ पिनांग निवासी 60 वर्षीय सुरेश चंद्र अपने चिकित्सक पुत्र बल्लभ शेट्टी (40) सहित परिवार के चार सदस्यों के साथ 14 सितंबर को भारत आए थे। इसके बाद वह उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा पर निकले हैं।

श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजों के पिंडदान के लिए मंगलवार सुबह ही वे बदरीनाथ पहुंचे। इसके बाद सुरेश चंद्र ब्रह्मकपाल तीर्थ के पास गांधी घाट पर स्नान करने गए थे। अचानक उनका पैर फिसल गया। पिता को नदी में बहता देख बचाने के लिए बल्लभ शेट्टी ने भी अलकनंदा नदी में छलांग लगा दी।

वहां मौजूद एसडीआरएफ के जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से सुरेश चंद्र को 200 मीटर बहने के बाद बचा लिया गया लेकिन बल्लभ शेट्टी का पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि बल्लभ शेट्टी अविवाहित है। वह भारत में ओसीआई कार्डधारक है। उनके पूर्वज पंजाब मूल के थे।

रुद्रप्रयाग में वार्ड ब्वाय की गदेरे में बहने से मौत

रुद्रपयाग जिला चिकित्सालय में वार्ड ब्वाय प्रमोद चौहान की पुनाड़ गदेरे में बहने से मौत हो गई। वह सोमवार देर शाम नए बस अड्डे रुदप्रयाग के पास गदेरे में बह गया था। शव मंगलवार शाम गदेरे से लगभग 100 मीटर की दूरी पर बरामद हुआ। पुलिस के अनुसार सोमवार रात साढ़े सात बजे वार्ड ब्वाय के बहने की सूचना मिली थी।

रात में सर्च अभियान चलाया गया मगर उसका पता नहीं चल पाया। मंगलवार शाम पांच बजे उसका शव पुनाड़ गदेरे में पत्थर के नीचे फंसा मिला। प्रमोद चौहान रुद्रप्रयाग के मचकंडी मोहनखाल का मूल निवासी था और जिला चिकित्सालय कालोनी में रहता था। 

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