Chamoli Accident: ट्रीटमेंट प्लांट हादसे में कार्रवाई, जल संस्थान के एई सहित तीन को पुलिस ने किया अरेस्ट
Chamoli Accident चमोली ट्रीटमेंट प्लांट हादसे में 16 व्यक्तियों की जान चली गई थी। चमोली ट्रीटमेंट प्लांट हादसे में पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने जल संस्थान के एई हरदेव आर्य समेत तीन को हिरासत में लिया है। पुलिस अधीक्षक चमोली प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि मामले की तह तक पहुंचने के लिए कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 22 Jul 2023 12:51 PM (IST)
संवाद सहयोगी, गोपेश्वरः Chamoli Accident: चमोली ट्रीटमेंट प्लांट हादसे में पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने जल संस्थान के एई हरदेव आर्य समेत तीन को हिरासत में लिया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि चमोली ट्रीटमेंट प्लांट हादसे में 16 व्यक्तियों की जान चली गई थी।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण
- हरदेव लाल आर्य पुत्र जतनी लाल निवासी ग्रमा इडक बड़कोट जिला उत्तरकाशी (प्रभारी सहायक अभियन्ता उत्तराखंड जल संस्थान गोपेश्वर चमोली)
- पवन चमोला पुत्र बुद्धि बल्लभ चमोला निवासी ग्राम छैकुडा थराली कुहेड चमोली (सुपरवाईजर ज्वांइट वेंचर कम्पनी)
- महेन्द्र सिंह जयपाल सिंह निवासी ग्राम कुहेड जिला चमोली (लाइनमैन उत्तराखंड विद्युत विभाग)
हादसे के जिम्मेदारों की जल्द होगी गिरफ्तारी
चमोली के एसटीपी में घोर लापरवाही करने वाली संचालक कंपनी के अधिकारियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस प्लांट संचालन की एसओपी (मानक प्रचालन प्रक्रिया) का अध्ययन कर रही है। जल्द ही कंपनी के आला अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। इसके लिए पुलिस की तीन टीमें नोएडा, पंजाब और तमिलनाडु में दबिश भी दे रही हैं। आवश्यकता पड़ने पर अन्य टीमों को भी वहां भेजा जा सकता है।
पुलिस अधीक्षक चमोली प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि मामले की तह तक पहुंचने के लिए कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। मुख्य फोकस हादसे के प्रमुख कारण और लापरवाही करने वालों का पता लगाने पर है। इसके अलावा प्लांट संचालक कंपनी ने अपनी जिम्मेदारियों को कितना निभाया, इसकी भी जांच की जा रही है। एक दिन पहले हादसा होने के बाद भी कंपनी के अधिकारियों ने गंभीरता क्यों नहीं दिखाई, इसका जवाब भी तलाशा जा रहा है। इसके लिए प्लांट का संचालन कर रही कंपनियों के प्रतिनिधियों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। एसपी चमोली को गहनता से जांच करवाने को कहा गया है। विवेचना में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी। -अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड
एडीजी और आइजी ने लिया जायजा शुक्रवार को एडीजी (अपराध एवं कानून व्यवस्था) वी. मुरुगेशन और आइजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल ने घटनास्थल का जायजा लिया। एडीजी का कहना है कि विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर आगे कार्रवाई होगी।
प्लांट में न एमसीवी, न फ्यूज बाक्स
16 व्यक्तियों की मौत का कारण बने चमोली के एसटीपी में सुरक्षा मानकों की हर स्तर पर अनदेखी की गई। यहां तक कि प्लांट में फ्यूज बाक्स, एमसीवी और मेन स्विच की व्यवस्था भी नहीं है। ये खामियां विद्युत सुरक्षा निदेशालय की तकनीकी टीम की जांच में सामने आई हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अगर प्लांट में फ्यूज बाक्स और एमसीवी होती तो इतने बड़े हादसे से बचा जा सकता था। तकनीकी टीम प्लांट में मिली खामियों की रिपोर्ट अब जिला प्रशासन को सौंपेगी।चमोली के एसटीपी में हुए हादसे के बाद शासन ने यहां विद्युत सुरक्षा मानकों की जांच के आदेश दिए। इस कड़ी में विद्युत सुरक्षा निदेशालय के निदेशक गिरीश पांडे के नेतृत्व में सहायक विद्युत निरीक्षक रुड़की सुनील मिश्रा और सहायक विद्युत निरीक्षक देहरादून निखलेश दत्ता की टीम ने शुक्रवार को भी प्लांट में निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने ट्रांसफार्मर, वहां से एसटीपी तक जाने वाली विद्युत लाइन, मीटर और प्लांट के अंदर मौजूद विद्युत उपकरणों की जांच की। इस दौरान अधिकारियों ने ऊर्जा निगम से प्लांट में विद्युत आपूर्ति सुचारु करवाकर जांच की, लेकिन ट्रांसफार्मर से मीटर तक कोई खामी नहीं मिली।
हालांकि, इस दौरान प्लांट के अंदर विद्युत उपकरणों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की बात जरूर सामने आई। बताया जा रहा है कि टीम को प्लांट के अंदर जो प्रमुख उपकरण और इंतजाम होने चाहिए, वह नहीं मिले। मीटर के बाद विद्युत आपूर्ति सुचारु करने और बंद करने के लिए मुख्य स्विच तक नहीं है। यह काम चेंजओवर बाक्स से किया जा रहा था, जिसका मुख्य उपयोग जनरेटर के लिए किया जाता है। यही नहीं, प्लांट में एमसीवी भी नहीं लगी हुई है।
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